-प्राथमिक विद्यालय उससा (अंग्रेजी माध्यम)
-तीन साल पहले विद्यालय में थे मात्र 42 बच्चे आज है 422 पंजीयन
-प्रधानाध्यापक बृजेश कुमार की मेहनत लाई रंग, विद्यालय हुआ शानदार
बलिया : स्वच्छ और सुंदर विद्यालय की सोच तथा बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के जुनून की बदौलत बलिया शिक्षा क्षेत्र पंदह के अंग्रेजी मीडियम प्राथमिक स्कूल उससा आज नए कीर्तिमान को रचने के लिए तैयार है। विद्यालय को नई पहचान मिली है। इस स्कूल की पढ़ाई और माहौल दूसरे विद्यालयों के लिए मिसाल है। हालात यह है कि जिस स्कूल में अभिभावक अपने बच्चों को भेजना नहीं चाहते थे, आज वहां नामांकन की लाइन लगी है। विद्यालय परिषदीय है पर कांवेंट स्कूलों से काफी बेहतर।
प्राथमिक विद्यालय उससा के प्रधानाध्यापक बृजेश कुमार के मुताबिक, ‘करीब तीन साल पहले जब वह इस विद्यालय में आए थे तो सिर्फ 42 बच्चे पंजीकृत थे, लेकिन दैनिक उपस्थिति 18 से 20 ही थी। यही नहीं, विद्यालय की भौगोलिक स्थिति से लेकर शैक्षिक स्थिति बहुत ही खराब थी। मैंने सरकारी स्कूलों के प्रति लोगों के भ्रम को तोड़ने व व्यवस्था परिवर्तन की ठान ली और इसी पर अपना पूरा ध्यान केंद्रित कर दिया। इसमें मेरे सहयोगी शिक्षकों ने भी साथ दिया। विद्यालय बंद होने के बाद हम सभी गांव में डोर टू डोर शिक्षा हेतु अभिभावक संपर्क अभियान चलाना शुरू किया। लोगों को विश्वास दिलाया कि आप अपने बच्चों का नामांकन मेरे विद्यालय में कराएं, हम उसको बेहतर तालीम देंगे।’
बतौर प्रधानाध्यापक, लोगों ने हमारी बातों पर न सिर्फ विश्वास किया, बल्कि प्राइवेट स्कूल से नाम कटवा मेरे विद्यालय में नामांकन कराना भी शुरू कर दिया। कितने प्राइवेट स्कूल तो बंद हो गये। वैश्विक महामारी कोरोना में भी बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाने का काम हम सभी ने किया। व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से बच्चों को सारे कन्टेन्ट पहुंचाने का काम अनवरत जारी रहा। आज स्थिति ये है कि नामांकन के लिए लाइन लगी हुई हैं। छात्र संख्या 440 पहुंच गयी है, जो हम लोगों की मेहनत का प्रतिफल है। प्रधानाध्यापक का कहना है, किसी भी काम के लिए समर्पण जरूरी है, जिसका नतीजा हमारा स्कूल है।
स्कूल को हराभरा बनाने के साथ सुंदर पेंटिंग से बनाया खूबसूरत
प्राथमिक विद्यालय उससा पर प्रधानाध्यापक बृजेश कुमार के अलावा सहायक अध्यापक संतोष कुमार वर्मा, मीना कुमारी, राजेश कुमार, शिक्षामित्र मुन्ना कुमार की तैनाती है। स्कूल को शिक्षकों ने अपने प्रयास से ही चमकाया है। स्कूल को हराभरा बनाने के साथ ही सुंदर पेंटिंग से खूबसूरत बना दिया है। स्कूल भवन पर सुंदर पेंटिंग के साथ ही इसके प्रांगण को भी सजाया गया है। खूबसूरत पेड़-पौधे लगाए गए हैं। स्कूल के बच्चों को पढ़ाई के साथ ही खेलकूद में आगे बढ़ाया जा रहा है।