

-खेलो इंडिया खेलो युग का हाल
-खिलाड़ी ने थाने में दिया तहरीर, कोतवाल और खेलमंत्री से मांगा न्याय
बलिया : खेल संघ वैसे तो जनपद से विश्व स्तर तक खेलों के विकास के लिए उत्तरदायी होते हैं इसलिए वहां
की हर बात भी बड़ी हो जाती है। प्रदेश सरकार के खेल मंत्री उपेंद्र तिवारी के गृह जिले में ऐसा हुआ जो शायद खेल इतिहास के लिए किसी भी दशा में उचित नहीं। जिला कबड्डी खेल सचिव ने अनुसूचित जाति के कबड्डी खिलाड़ी के साथ अभद्रता किया। खिलाड़ी ने थाने में तहरीर देकर ऐसा आरोप लगाया। उसने खेल मंत्री से भी न्याय की गुहार की है।
घटना क्रम में कबड्डी संघ नरहीं के खिलाड़ी गुलशन पासवान ने सचिव पंकज सिंह व निर्णायक अजीत सिंह पर जिला कबड्डी चैम्पियनशिप के दौरान जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए मारपीट करने का आरोप लगाया है । खिलाड़ी ने इस सन्दर्भ में बांसडीह थाने में लिखित नामजद शिकायत भी की है । थानाध्यक्ष ने न्यायोचित कार्यवाही का आश्वासन दिया है। खिलाड़ियों का कहना है कि प्रतियोगिता के दौरान मैच का वीडियो बनाने व गलत निर्णय पर आपत्ति करने पर सचिव पंकज सिंह व निर्णायक अजीत सिंह ने ना केवल जातिसूचक शब्दों का प्रयोग किया, बल्कि मुझे पीटा भी गया। खिलाड़ियों ने इसकी लिखित शिकायत खेल मंत्री से भी कई है । जहां से उन्हें मामले की जांच कराते हुए न्याय दिलाने का भरोसा दिया गया। कबड्डी संघ नरहीं के खिलाड़ियों का यह भी आरोप है कि सचिव पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर हमेशा से हम सभी के प्रति दोहरा व्यवहार व अमर्यादित आचरण करते आये हैं। साथ ही समय समय पर उनके द्वारा भविष्य खराब किये जाने की भी धमकी दी जाती रही है। शीतल दवनी में आयोजित जनपदीय कबड्डी प्रतियोगिता के दौरान भी सचिव ने पद की मर्यादा को तार-तार कर खिलाड़ियों के साथ स्वयं अभद्रता की। खिलाड़ियों के गम्भीर आरोप को देखते हुए खेल संघ की गतिविधियों पर सवाल उठना लाजमी है । अब देखने वाला विषय यह है कि उक्त मामले में खिलाड़ियों के आरोप की जांच किस स्तर पर होती है, व खिलाड़ियों को कब तक न्याय मिल पाता है।
इस सम्बन्ध में जिला कबड्डी संघ के सचिव पंकज सिंह ने कहा कि ‘खेल के दौरान कभी कभी खिलाड़ी अति उत्साह में उलझ जाते हैं। निर्णायक का काम बीच बचाव करना है। खिलाड़ी का मुझ पर व्यक्तिगत आरोप गलत है।


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