रविशंकर पांडेय, बांसडीह (बलिया) :
वह मिली भी तो क्या मिली, बनके बेवफा मिली ।
इतने भी तो मेरे गुनाह न थे जितना मुझे सजा मिली।
अपनी बेवफा पत्नी के धोखे से आहत किसी युवक के जीवन पर यह शायरी सटीक बैठ रही है। मामला बांसडीह तहसील के मनियर थाना क्षेत्र अंतर्गत एक गांव का है।
एक युवक की शादी तीन चार वर्ष पूर्व हुई थी । उसके दो बच्चे है तथा पत्नी पुनः गर्भवती है। परिवार के भरण-पोषण के लिए युवक अक्सर बाहर नौकरी करने जाया करता था । इसी बीच विवाहिता की पड़ोसी युवक से आंखें चार हो गई। किसी न किसी बहाने विवाहिता बलिया दवा इलाज कराने के नाम पर जाया करती थी और अपने प्रेमी से मिलती थी। इस बात की जानकारी होने पर विवाहिता एवं उसके पति के बीच झगड़ा होता रहता था। फोन पर वार्ता के दौरान गुस्से में विवाहिता का पति हाफ पैंट पर ही बाहर से बिना किसी को बताए गांव के लिए चल दिया। गांव आने पर पति पत्नी के बीच जंग छिड़ी । पत्नी ने डंके की चोट पर कहा कि मैं तुम्हारे साथ नहीं रह सकती। तुम मुझे तलाक दे दो ।दोनों तलाक देने के लिए बलिया कोर्ट में भी गए ।वहां कुछ रिश्तेदार, वकील एवं मजिस्ट्रेट ने भी दोनों को समझाना चाहा लेकिन विवाहिता अपनी जिद पर अड़ी रही । हार थक कर पति ने कहा कि यहां से तुम जहां मर्जी हो वहां तुम जा सकती हो। विवाहिता के मायके पक्ष भी बेटी की करतूत सुनकर दुखी हैं तथा अपने यहां भी रखने को तैयार नहीं है। अनुमान लगाया जा रहा है कि विवाहिता अपने प्रेमी के यहां चली गई होगी ।
इस संदर्भ में थानाध्यक्ष मनियर राजीव सिंह से पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मेरे संज्ञान में यह मामला नहीं है।