-ग्राम प्रधान के चुनाव के समय तक ग्राम पंचायत में थे दो मजबूत चुनावी गोल
-अंजनी ओझा के नेतृत्व में विजयी अभय वर्मा की कार्यशैली को समर्थन
बलिया : राजनीति कभी किसी और को तो कभी किसी और को अपना साथ देती है। कपिलेश्वरी भवानी के पावन धाम कपुरी की ग्राम पंचायत में भी इस बार यह साबित हुआ। पंचायती व्यवस्था के गठन के बाद यह पहला अवसर होगा जब ग्राम पंचायत के सभी 13 सदस्य निर्विरोध होंगे। ग्राम पंचायत सदस्य पद के लिए हुए नामांकन में सभी वार्ड में एक एक उम्मीदवारों ने नामांकन किया। सनद रहे कि प्रधान चुनाव में गांव के दो गोल मजबूती से लड़े थे। आज की स्थिति देख यही लगा कि अंजनी ओझा के नेतृत्व में निर्वाचित अभय वर्मा को ग्रामीणों ने अपनी नैतिकता दिखाई और दूसरे दल को खारिज कर दिया।
ग्राम पंचायत चुनाव में प्रधान पद के लिए पूर्व मंत्री बसपा नेता अंबिका चौधरी के करीबी भरत जी वर्मा और मंत्री उपेंद्र तिवारी के खास कहे जाने वाले अंजनी ओझा के प्रिय अभय वर्मा चुनाव लड़े। पूरी ताकत से दोनों दल लड़े। परिणाम अंजनी ओझा के प्रिय अभय वर्मा के पक्ष में रहा। सदस्य पद रिक्त रह गए थे। संभावना थीकि दोनों दल गांव के 12 ग्राम पंचायत सदस्य चुनाव में भी अपनी ताकत आजमाएंगे पर ऐसा नहीं हुआ। दूसरे दल ने कोई उम्मीदवार मैदान में नहीं दिया। ग्राम प्रधान अभय वर्मा ने अपने पसंद के सभी उम्मीदवारों का नामांकन कराया। समाजसेवी अंजनी ओझा और प्रधान अभय वर्मा को इस विश्वास के लिए धन्यवाद दिया।
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