

-उत्सव का आयोजन
-प्राथमिक विद्यालय अलावलपुर के बच्चों पर दिख रहा शहरी शिक्षिका आने का असर
बलिया : बच्चे भिगाई मिट्टी जैसे ही होते हैं। शिक्षक-शिक्षिका कुम्हार होते हैं बच्चों को जैसा चाहे बना सकते हैं। कहा तो यह शुरू से जाता है पर इस समय दिख भी रहा है। शहरी लोगों का अंदाज भी जुदा ही होता है। प्राथमिक विद्यालय अलावलपुर की स्थिति ठीक ही ऐसी है।


इस समय बच्चों में आया निखार और विद्यालय में तैनात शिक्षिका अंजली तोमर (गाजियाबाद) का भी असर बच्चों पर दिखने लगा है। मंगलवार को विद्यालय दिपावली सहित कई पर्व को लेकर रविवार तक के लिए बंद हो रहा था। अभी बल्लभ भाई पटेल की जयंती पर छटा बिखेरने वाले बच्चों ने उत्सव पर्व भी बेहतरीन अंदाज में मनाया। दीपावली और धनतेरस का पर्व बच्चों ने चित्रकारी प्रतियोगिता कर मनाया। प्राथमिक विद्यालय के बच्चों की कला देख अजीब सा लगा। लग रहा था कि प्रत्येक बच्चा बड़ा होकर बड़ा चित्रकार बनेगा। मोमबत्ती का आदान प्रदान भी बच्चों ने किया। पहले बच्चे पढ़ने में निपुण थे पर अब उनका सार्वजनिक विकास हो रहा है। बच्चों में आए आधुनिक बदलाव का श्रेय शिक्षिका अंजली तोमर को ही जाता है।



