-सपा समर्थित पंचायत अध्यक्ष उम्मीदवारों का नामांकन रोकना लोकतंत्र का अपहरण
बलिया। जनता का विश्वास खो चुकी सत्ताधारी पार्टी द्वारा प्रदेश भर में सपा समर्थित पंचायत अध्यक्ष के प्रत्याशियों का नामांकन बलपूर्वक रोकना लोकतंत्र का अपहरण हैं इससे इस चुनाव की निष्पक्षता एवं पवित्रता नष्ट हुई है। यह लोकतंत्र की हत्या की साजिश है। पूरे प्रदेश में सदस्यों के चुनाव में भाजपा बुरी तरह पराजित हुई थी ऐसे में उनके अध्यक्षों का निर्विरोध निर्वाचन लोक तंत्र का अपहरण एवं चमत्कार से कम नहीं। धन बल-छल बल -बाहुबल और सत्ता बल का ऐसा अनैतिक खेल सत्ता लोलुप भाजपा ने खेलकर साबित कर दिया है कि वह जनादेश का सम्मान करना नहीं चाहती है, उसका इरादा उसको कुचलने का रहता है।
उक्त बातें समाजवादी पार्टी के जिला प्रवक्ता सुशील पाण्डेय “कान्हजी”ने प्रेस को जारी प्रेस नोट के माध्यम से कही ।
कान्हजी ने कहा कि सच तो यह है कि भाजपा ने विगत साढ़े चार वर्षों में जनता को हर कदम पर सिर्फ धोखा दिया है। रोजमर्रा के उपयोग की सभी वस्तुएं भाजपा राज में मंहगी हुई है। कानूनव्यवस्था ध्वस्त हुई है। कोरोना संक्रमण में हजारों जाने गईं और इलाज, दवा के अभाव में लोग तड़पते रहे।लोगो का रोजगार गया नौकरी गयी।और सरकार तानाशाही रवैया अपनाए हुए है।