-उत्तराखंड गठन के बाद वहां करती थीं सक्रिय सहभागिता
-निधन की खबर सुन बलिया के शिक्षक में भारी शोक, दी श्रद्धांजलि
बलिया: एक समय था जब श्रीमती इंद्रा हृदेश उत्तर प्रदेश विधान परिषद में या सड़क पर अपनी बात कहती थीं तो तत्कालीन सरकारों के कान खड़े हो जाते थे (तब उत्तराखण्ड भी उप्र में ही हुआ करता था। और प्रदेश के शिक्षक/कर्मचारी उस जोरदार आवाज़ के दम पर अपने को महफूज महसूस करते थे।
प्रदेश का बंटवारा हुआ इंद्रा हृदेश जी उत्तराखण्ड चली गई। वहां वह सक्रिय सहभागिता भी करती थीं। ईश्वरीय विधान के अनुसार आज वह आवाज़ भी हमेशा के लिए बन्द हो गई। उनके निधन की सूचना जैसे ही प्रसारित हुई शिक्षकों व कर्मचारियों में शोक की लहर दौड़ गई। सभी ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। श्रद्धांजलि अर्पित करने वालों में
सुशील पाण्डेय”कान्हजी”, अशोक केशरी, अनिल सिंह, पंकज राय, रामप्रताप सिंह, अनूप सिंह, सुधीर उपाध्याय, राजकुमार सिंह, राजेश सिंह, जितेंद्र सिंह, अक्षयवर नाथ चौबे, बैकुण्ठ नाथ पाण्डेय, लक्षमण यादव, अजय राय, अतुल श्रीवास्तव, जितेंद्र यादव, अनिल उपाध्याय, भगवान चौबे व दिना नाथ पाल आदि प्रमुख हैं।