-बलिया में मीडिया से बोले मुख्यमंत्री
-बलिया में गंगा सरयू व टोंस नदी के कारण उत्पन्न हुई बाढ़ की स्थिति
बलिया : सर्वेक्षण और बैठक के बाद मीडिया ब्रीफिंग के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत व बचाव कार्य में प्रशासन मुस्तैदी से जुटा हुआ है। बलिया में गंगा, सरयू, टोंस नदी के कारण बाढ़ की स्थिति पैदा हुई है। बाढ़ की चपेट में यहां 112 राजस्व ग्राम है, लेकिन आबादी के रूप में देखा जाए तो 34 गांव की 141450 की आबादी बाढ़ से प्रभावित है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पीएसी की जल पुलिस एवं लोकल गोताखोर व नाविकों के माध्यम से सुरक्षित आवागमन व राहत बचाव कार्य सुनिश्चित कराया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजनान्तर्गत निःशुल्क खाद्यान्न वितरण एवं राज्य सरकार की तरफ से प्रत्येक जनपद में पर्याप्त मात्रा में राहत सामग्री उपलब्ध कराकर वितरित की जा रही है। हर बाढ़ पीड़ित को 10 किग्रा चावल, 10 किग्रा आटा, 10 किग्रा आलू, 10 किग्रा सूखा चना, भूजा, लाई के अलावा मिर्च-मसाला, नमक, मोमबत्ती आदि आवश्यक सामग्री दी जा रही है। प्रयास किया जा रहा है कि मिट्टी तेल भी उपलब्ध कराया जाए। जहां मिट्टी तेल उपलब्ध नहीं हो पा रहा है कि वहां के लिए निर्देश है कि पेट्रोमेक्स या जनरेटर के माध्यम से प्रकाश व्यवस्था सुनिश्चित कराया जाए। उन्होंने कहा कि पानी से घिरे या इधर-उधर रह रहे बाढ़ पीड़ितों को सुरक्षित स्थल पर राहत शिविरों में पहुंचाने के साथ उनको फूड पैकेट, सामुदायिक किचन के माध्यम से भोजन एवं शुद्ध पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाए। पशुओं का टीकाकरण एवं उनको चारा के लिए युद्धस्तर पर भूसा वितरण के भी निर्देश दिए। जलजनित बीमारियों से बचाव के लिए भी स्वास्थ्य विभाग व पंचायती राज विभाग पुख्ता व्यवस्था सुनिश्चित कराए। मेडिकल टीम लगातार भ्रमण करे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित कराया जाए कि नदी की धारा के बीच छोटी या मझोली नाव को नहीं ले जाया जाए। वहां आवागमन के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ या पीएसी की स्टीमर या बड़ी नाव का भी प्रयोग हो। पुलिस विभाग को निर्देश दिए कि सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम हों। खासतौर पर राहत शिविरों में महिला आरक्षियों की तैनाती अनिवार्य रूप से हो। कहा कि बाढ़ प्रभावित गांवों में जिन नोडल अधिकारियों की तैनाती की गयी है, वे बाढ़ निगरानी समिति के साथ समन्वय बनाकर हर पीड़ित को राहत पहुंचाएं। कटान की समस्या जहां हो, वहां सिंचाई विभाग तत्परता से लगकर काम कराकर कटान की समस्या का समाधान कराएं। उन्होंने कहा कि हर हाल में जन-धन हानि को रोकना है। लोगों को अधिक से अधिक राहत पहुंचाना है। कहा कि कोरोना महामारी पर नियंत्रण प्राप्त करने में बलिया में बेहतर काम हुआ। अब यहां एक भी कोरोना के केस नहीं है। आक्सीजन की आपूर्ति में आत्मनिर्भरता का यहां किया गया प्रयास सराहनीय है। फेफना में बन रहा 100 बेड का आधुनिक सुविधाओं सहित सीएचसी व 10 बेड के पीआईसीयू वार्ड के लिए जिला प्रशासन की प्रशंसा की। वैक्सीनेशन के कार्यक्रम को तेजी से बढ़ाने और सभी सम्बन्धित को इससे जोड़ने की कार्यवाही लगातार जारी रहे। उन्होंने विश्वास जताया कि कोरोना महामारी के साथ-साथ इस बाढ़ की आपदा पर भी नियंत्रण प्राप्त करने में यहां का प्रशासन व राहत कार्य से जुड़े लोग सफल होंगे।