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देश पूर्वांचल बलिया राज्य

वाराणसी के कैंट स्टेशन से (गोदौलिया) गिरिजाघर तक पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए चलेगा रोप-वे

-बेहतरीन सुविधा


-देश का पहला और दुनिया का तीसरा शहर जहां पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए रोप-वे का होगा इस्तेमाल

-पीएम के संसदीय क्षेत्र में 4.2 किमी का होगा सफर, 220 ट्राली लगेंगी और एक ट्राली में बैठेंगे 10 पैसेंजर

बलिया : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी शीघ्र ही दुनिया का तीसरा और भारत पहला शहर बनेगा जहां पब्लिक ट्रांसपोर्ट रोप-वे चलाया जाएगा।
योगी सरकार ने वाराणसी शहर में यातायात के दबाव को देखते हुए और पर्यटकों की सुविधा के लिए रोप -वे चलाने जा रही है। कैंट रेलवे स्टेशन (वाराणसी जंक्शन ) से गिरजाघर चौराहे (गोदौलिया ) तक रोप-वे चलेगा। इसके चलने से काशी विश्वनाथ मंदिर, दशाश्वमेध घाट जाना आसान हो जाएगा। 424 करोड़ लागत की यह योजना जल्दी शुरू होगी। वाराणसी में नेशनल हाई वे, रिंग रोड, फ्लाईओवर, आरओबी, के बाद कब वाराणसी के भीड़-भाड़ वाले इलाके में पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए रोप-वे चलने से वाराणसी में आने वाले देशी -विदेशी पर्यटकों के साथ स्थानीय लोगों को काफी राहत मिलेगी।
देश का पहला रोप-वे उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की ओर से वाराणसी में कैंट से गिरज़ाघर के बीच चलाया जाएगा। काशी के पुराने इलाकों की सड़के सकरी होने और ट्रैफ़िक का दबाव निरंतर बढ़ने से अक़्सर जाम की स्थिति बनी रहती है। जिससे देशी विदेशी पर्यटकों अलावा स्थानीय लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। जिसके कारण दुनिया में काशी का नाम ख़राब होता है। वाराणसी विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष ईशा दुहन ने बताया कि लापाज़ मॉडल के तर्ज़ पर काशी में रोप वे चलेगा। बोलीविया देश के लापाज़ और मेक्सिको के बाद विश्व में भारत तीसरा देश और भारत में वाराणसी पहला शहर होगा जहां पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए रोप-वे का इस्तमाल होगा। उन्होंने बताया कि ये पायलट प्रोजेक्ट है। और काशी के मूल स्वरूप को कायम रखते हुए क्योटो के तर्ज़ पर अत्याधुनिक तरीके से विकसित किया जा रहा है।
उन्होंने जानकारी दिया कि वाराणसी कैंट स्टेशन से शुरू होकर गिरजाघर चौराहे तक कुल चार स्टेशन होंगे। जिसमे कैंट रेलवे स्टेशन, साजन तिराहा, रथयात्रा और गिरजाघर चौराहे पर स्टेशन बनाया जाएगा। रोपवे की कुल दूरी 4.2 किलोमीटर है। जो करीब 15 मिनट में तय होगी। क़रीब 45 मीटर की ऊंचाई से ट्रॉली कार चलेगी। इसमें 220 ट्रॉली होंगी । एक ट्रॉली में 10 पैसेंजर सवार हो सकते है। हर देढ़ से दो मिनट के अंतराल में यात्रियों को ट्रॉली उपलब्ध रहेगी। एक दिशा में एक बार में 4000 लोग यात्रा कर सकेंगे। यानि 8000 लोग दोनों दिशा से एक बार में आ जा सकेंगे। रोप वे रात में भी चलेगा। इस परियोजना पर 80 फीसदी भारत सरकार और 20 फीसदी राज्य सरकार खर्च करेगी। बताया कि कैंट रेलवे स्टेशन के पास ही रोडवेज़ है। इसलिए कैंट स्टेशन पर रोप वे स्टेशन बनने से ट्रेन और बस से यात्रा करने वाले दोनों यात्रियों को सुविधा होगी। वैपकास कंपनी ने सर्वे पूरा करने के बाद फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार कर ली है। जिसे स्थानीय प्रशासन ने शासन को भेज दिया है। पूरा प्रोजेक्ट पीपीपी मॉडल पर बनेगा और संचालित भी पीपीपी मॉडल पर ही किया जाना है ।

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