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पूर्वांचल बलिया राजनीति

…शिक्षकों का आंदोलन समाप्त कराने में मंत्री शुक्ल को हुआ “हवन में हाथ जलने” का एहसास

-बातों पर विश्वास नहीं
-शायद शिक्षक संघ को नहीं था उनकी बात पर भरोसा तो कराया दूसरे मंत्री से बात

बलिया : प्राथमिक शिक्षक संघ ने विभागीय व्यवस्थाओं के विरुद्ध आंदोलन किया। गत सोमवार को आंदोलन समाप्त तो हुआ पर समाप्त करने वाले प्रदेश सरकार के प्रिय मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ल के शायद ठीक नहीं रहा। उन्हें हवन में हाथ जलने जैसा एहसास भी हुआ। शिक्षकों ने आंदोलन में मंत्री के विरुद्ध भाषण भी दिया कहा इनकी बातों का भरोसा नहीं। मंत्री की बात मानकर शिक्षक शायद हटने को तैयार नहीं थे इसलिए उन्हें फोन के माध्यम से बात कराई।
सरकार के मुख्यमंत्री और मंत्रियों का काम करने की स्टाइल शायद इस तरह की होती है कि किसी आंदोलन को समाप्त करने जाने वाले जनप्रतिनिधि संबंधित से वार्ता या मुख्यमंत्री से वार्ता करके जाते हैं सरकार के प्रतिनिधि के रुप में जो कहना होता है कह देते हैं। बलिया के शिक्षकों का आंदोलन था। मंत्री जी शिक्षक पुत्र हैं और शिक्षक सभी उनके स्वभाव को जानते भी हैं। आंदोलन में वार्ता के क्रम में सतीश चंद्र कालेज के एक वरिष्ठ शिक्षक ने भाषण के दौरान कहा कि मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ल की बातों पर भरोसा नहीं। उन्होंने एससी कालेज में धन देने की बात कही आजतक शिलापट्ट लगने के बाद भी काम नहीं हुआ। शहर में कई स्थानों पर जैसे ओवरब्रिज के लिए उनकी कही बात विफल हुई। आंदोलन समाप्त कराने वही आ रहे हैं। अंत में हुआ भी यही। आनंद स्वरूप शुक्ल ने वस्तुस्थिति का अंदाजा कर अपने फोन से शिक्षा मंत्री का नंबर मिला संबोधन कराया। मंत्री की फोनिक वार्ता पर शिक्षक मान गए। अब इस बात की चर्चा होने लगी कि आखिर क्या वजह थी कि योगी सरकार के प्रिय मंत्री की बात उनके ही जिले के बुद्धिजीवी नहीं माने। सरकार के प्रतिनिधि को शिक्षक क्यों वजन कम दिए।

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