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पूर्वांचल बलिया

सपा और सुभासपा मिले तो बिगड़ेगा जिले के कई विशिष्टों का विशिष्ट खेल

-जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव
-सुभासपा अध्यक्ष की घोषणा ने कई दिन की सुगबुगाहट को दी हरी झंडी

बलिया। जिला पंचायत सदस्य पद के लिए हुए चुनाव और परिणाम पर नजर डालें तो इस बार आंकड़ा जैसा मिला अब तक अध्यक्ष पद की चुनावी संभावना उलट ही दिख रही है।
भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष देवेंद्र यादव और सपा नेता पूर्व मंत्री (नेता प्रतिपक्ष) रामगोविंद चौधरी के पुत्र रंजीत चौधरी के चुनाव हार जाने के बाद दोनों दलों में अध्यक्ष पद के उम्मीदवार नाम पर मंथन प्रारंभ हुआ। जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवार सबसे पहले भासपा ने सुप्रिया यादव के नाम को हरी झंडी दी तो बसपा ने पूर्व मंत्री अंबिका चौधरी के पुत्र आनंद चौधरी को। सुभासपा के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने जब अंबिका चौधरी के साथ आनंद को आशीर्वाद दिया तो आनंद का घोड़ा तेजगति से चलने लगा।
भाजपा से टिकट नहीं मिलने के बाद निर्दल चुनाव लड़ने वाली पूर्व प्रमुख अक्षय लाल यादव की पत्नी हेमवंती जब फिर भाजपा में शामिल हो गयी तो लगा कि आनंद के घोड़े को हेमवंती की चुनौती मिल सकती है। पर सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने घोषणा किया कि सुभासपा समाजवादी पार्टी का साथ देगी तब लगा कि आनंद और हेमवंती के रथ को अब चुनौती मिलेगी और परिणाम बलिया के इतिहास की तरह ही धन और ताकत के विरुद्ध आएगा।
जिले की 58 सीटों में 14 सपा के घोषित उम्मीदवार हैं तो 10 सुभासपा के। कुछ निर्दलभी इनके साथ हैं। बसपा के 7 और भाजपा के अब 8 सदस्य हैं।देखिये परिणाम क्या होता है।

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