-बेहतरीन प्रयास
-कन्नौज इत्र उद्योग की तर्ज पर इसे भी बेहतर करने पर सोच रही सरकार
-विधायक संजय यादव का प्रयास अंततः लाया रंग, बहुरेंगे किसानों के दिन
बलिया : जंग-ए-आजादी में अपनी जीवटता दिखाने वाले क्रांतिकारी जिला बलिया का मशहूर “सिकंदरपुर इत्र उद्योग” आजकल मृतप्राय हो गया था पर यहां के -विधायक संजय यादव के प्रयास से अंततः प्रदेश सरकार का ध्यान इस ओर केन्द्रित हुआ है और सरकार यहां भी कन्नौज इत्र उद्योग का फार्मूला अपनाने की तैयारी में हैं। कहना अतिश्योक्ति नहीं है कि आखिरकार सिकंदरपुर इत्र उद्योग को “संजय संजीवनी” मिल ही गई। अब सिकंदरपुर में भी गुलाबों की खेती करने वाले किसानों के दिन बहुरेंगे।
एक समय था जब सिकंदरपुर को फूलों और इत्र की नगरी कहा जाता था। किसान बहुतायत खेतों में गुलाब की खेती ही करते थे। गुलाबों की बेहतरीन उत्पादन से किसान भी लाभान्वित होते थे और इससे इत्र बना छोटे उद्योग करने वाले भी। गुलाबों की खेती और इत्र उद्योग पर जनप्रतिनिधियों की उदासीनता धीरे-धीरे प्रभावित हुई और इत्र का उद्योग और गुलाबों की खेती बर्बाद हो गयी। सिकंदरपुर के विधायक संजय यादव ने इस ओर सरकार का ध्यान आकर्षित कराना प्रारंभ किया। कुछ समय तो अवश्य लगा पर अब लोगों के बीच उम्मीद जगी है कि सरकार किसानों के लिए योजना बना रही है। बलिया पधारे जिले के प्रभारी मंत्री अनिल राजभर ने यह बात बताई कि विधायक संजय यादव के प्रयास से यहां के उद्योग को कन्नौज इत्र उद्योग की तर्ज पर विकसित करने की योजना है। सनद रहे कि कन्नौज इत्र का उद्योग प्रदेश का टाप और देश में स्थान रखने वाला उद्योग है। सरकार भी उस पर ध्यान देती है। उम्मीद है कि सिकंदरपुर वालों के दिन भी बहुर जाएंगे।