

-जन सुविधाओं का अभाव
-तहसील भवन के पुरुष शौचालय में लगा ताला, महिला शौचालय का गेट ही टूटा हुआ
-परिसर में भी निर्मित हैं दो सार्वजनिक प्रसाधन, महिलाओं को हो रही बड़ी फजीहत

बलिया : स्वच्छता अभियान तो भारत सरकार की प्रधानता में सबसे उपर है। भाजपा की सरकार केन्द्र में है इसलिए सूबे में यह प्रमुखता पर रहेगी ही। यूपी सरकार की भी सर्वोच्च प्राथमिकता वाली इस योजना को बलिया का माडल तहसील सीना चौड़ा कर ठेंगा दिखा रहा है। कर्मचारी और अपने काम के लिए आने वाली महिलाओं को काफी फजीहत का सामना करना पड़ रहा है।

प्रदेश में बने तीन माडल तहसीलों में बलिया सदर तहसील इसमें शुमार है। भव्य भवन जरूर तहसील का सीना चौड़ा करती है। माडल तहसील के भूमितल पर प्रसाधन का प्रबंध किया गया था। वर्तमान समय में यह नहीं के बराबर है। पुरुषों के लिए बने प्रसाधन भवन में ताला बंद है। महिलाओं के प्रसाधन का तो दरवाजा ही टूटा हुआ है। परिसर में भी सरकार ने दो प्रसाधन भवन बनाया है। मगर दुर्भाग्य की दोनों में ताला बंद है। एक के सामने उगा झाड़ झंखाड़ यह बताने के लिए पर्याप्त है कि यहां वर्षों से कोई गया ही नहीं। तहसील में अपने काम के लिए प्रतिदिन सैकड़ों लोग आते हैं। एसडीएम कोर्ट है तो वकीलों का भी आना जाना है। पुरुष तो मैदान में किसी तरह अपनी जरूरत पूरी कर लेते हैं पर महिलाओं को काफी फजीहत का सामना करना पड़ रहा है।



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