-विडंबना
-बिहार की सीमा मांझी से बलिया होते हुए गाजीपुर तक राह चलना मुश्किल
बलिया : जब भी इंसान को बेहतर सड़क यात्रा करनी होती है वस एक्सप्रेस-वे और नेशनल हाई-वे पर जाना चाहता है। क्योंकि यह सड़कें गुणवत्ता और सुरक्षा में पूर्ण होती हैं। पर बिहार के हाजीपुर से यूपी के गाजीपुर तक राष्ट्रीय राजमार्ग-31 इस अवधारणा को भी ध्वस्त कर रहा है। आजादी में अहम भूमिका निभाने वाले क्रांतिकारी जिला बलियाके हिस्से में भी यही मार्ग है। बिहार से सटे मांझी से गाजीपुर तक इस राह पर चलना इन दिनों दुस्वार है।
नेशनल हाईवे की इस दुर्दशा को देख बलिया वासी काफी दुखी हैं क्योंकि यहां लोकसभा सदस्य भाजपा के वरिष्ठ नेता वीरेंद्र सिंह मस्त (पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष भाजपा किसान मोर्चा) हैं। इससे पूर्व काशी हिंदू विश्वविद्यालय छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष यूपी सरकार में भी मंत्री रहे भरत सिंह थे। दोनों लोकसभा सदस्यों ने केन्द्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को बुला इस बाबत शिलान्यास भी कराया। आज आलम यह है कि बिहार के छपरा से कोई जैसे ही मांझी होते हुए बलिया या गाजीपुर के लिए प्रस्थान करेगा उसकी यात्रा दुर्भाग्यपूर्ण हो जाएगी। सड़क और गड्ढों में यह बता पाना मुश्किल होगा कि सड़क कहा है और गड्ढे कहां। गंगा नदी एनएच के अधिकांश भाग को स्पर्श करती है और बाढ़ में एनएच के टूटने का खतरा भी बना ही रहता है। सुरक्षा के मानक में यह नेशनल हाईवे पूरी तरह फेल है। सड़क के किनारे तो यहां आबादी इलाके में भी मवेशियों आदि को रोकने का कोई प्रबंध नहीं है। आजादी की लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले बलिया जिले के लोगों का यह दर्द हृदयविदारक से कम नहीं है। नेशनल हाईवे कब दुरुस्त होगा यह यक्ष प्रश्न जैसा है।
31 दिसंबर तक दुरुस्त हो जाएगा एनएच 31
बलिया के सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त ने बताया कि मांझी से गाजीपुर तक एनएच दिसंबर महीने के अंतिम दिन तक दुरुस्त हो जाएगा। पूछे जाने पर कहा कि केन्द्रीय मंत्री ने संबंधित अधिकारियों से पूछ कर समय निर्धारित किया है। कोरोना के कारण पुनर्निर्माण में विलंब हुआ।