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पूर्वांचल बलिया राजनीति राज्य

नगर विधानसभा में राज्यमंत्री के पैदल होने की “आशंका चर्चा” पर जोर

-टिकट वाली जंग

-प्रदेश कार्य समिति नागेन्द्र पांडेय या वीरेंद्र पाठक टुनजी को मिल सकती जिम्मेदारी
-जनपद में भाजपा हाईकमान से जुड़े लोग भी इस सवाल पर कह रहे इंतजार करिए

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बलिया : उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लगने ही वाली है। सभी पार्टियां इसे मिशन 2022 मानकर जुट गई हैं। पार्टी नेताओं में अभी टिकट वाली जंग चल रही है। बलिया जिले की 361 नगर विधानसभा क्षेत्र में यह सर्वाधिक है। भाजपा सपा दोनों दलों में जंग शबाब पर है। भाजपा की बात करें और “आशंका चर्चा” पर गौर करें तो यहां प्रदेश सरकार के मंत्री का पैदल होना तय जैसा है। यहां नागेंद्र पांडेय और वीरेंद्र पाठक टुनजी में ही जंग है।

भारतीय जनता पार्टी ने पिछले विधानसभा चुनाव में युवा नेता आनंद स्वरूप शुक्ल को टिकट दिया। मोदी लहर का लाभ उठाते हुए आनंद शुक्ल सदन में गए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन्हें अपने कैबिनेट में स्थान देकर राज्यमंत्री बनाया। पहली बार विधायक और राज्यमंत्री बने आनंद स्वरूप से वरिष्ठ भाजपा जन असंतुष्ट रहने लगे कारण उनकी पूछ घट गई। मंत्री शुक्ल की टीम में नए नए चेहरे दाखिल हो राजकाज और जिला चलाने लगे। सर्वाधिक विरोध इनका अपनी ही पार्टी में होने लगा और इनके खिलाफ टिकट मांगने वालों की लंबी फेहरिस्त हो गयी। पार्टी के सर्वे भी यहां उम्मीदवार बदलने जैसे ही संकेत दिए हैं। अब कुछ दिन ही शेष हैं इस सवाल और जंग के परिणाम को। यदि आशंका चर्चा को माने तो मंत्री इसबार चुनाव में उम्मीदवार की जगह अन्य भूमिका में दिखेंगे। बड़े नेताओं से चर्चा पर वे इनके पक्ष में थोड़ा भी कहने की बजाय रटा रटाया डायलॉग इंतजार करिए ही कह रहे हैं।

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