-गंगा में तैरते शवों के बाबत किया था ट्वीटर, पुलिस ने दर्ज किया था मामला
बलिया: रिटायर्ड आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने गंगा में तैरते शवों पर ट्वीट किया था। उन्नाव के बाद बलिया में भी मुकदमा दर्ज किया गया। पुलिस द्वारा नोटिस पाकर मंगलवार को बलिया पहुंच कर जांच अधिकारी के समक्ष अपना बयान दर्ज कराया।
कोरोना की दूसरी लहर के दौरान काफी मौतें हो रही थीं। आरोप हैं कि मई के पहले सप्ताह में रिटायर्ड आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने गंगा में तैरते शवों को लेकर ट्वीट किए थे। जिसके बाद बलिया शहर कोतवाली में रिटायर्ड आईएएस सूर्य प्रताप सिंह पर 12 मई को शहर कोतवाल बालमुकुंद मिश्र की तहरीर पर एफआईआर दर्ज हुई थी। उन पर तैरते शवों को लेकर भ्रम फैलाने का आरोप लगा था। इस मामले की जांच दुबहड़ थाने के प्रभारी निरीक्षक को सौंपी गई है।
इसी मामले में तलब किए जाने पर सूर्य प्रताप सिंह मंगलवार को अपने वकीलों के साथ बलिया के दुबहड़ थाने पहुंचे। उन्होंने पुलिस के सामने अपना बयान दर्ज कराया। पुलिस के सामने बयान दर्ज कराने के बाद सूर्य प्रताप सिंह ने पत्रकारों से कहा कि लोकतंत्र में अभिव्यक्ति की आजादी है। जिसे दबाया नहीं जा सकता। इसके पहले ट्विटर पर काफी सक्रिय रहने वाले सूर्य प्रताप सिंह ने बलिया आने की जानकारी भी ट्वीट के माध्यम से दी थी। उन्होंने ट्वीट किया था कि ‘ख़ुशी है कि ‘बागी बलिया’ जा रहा हूं। 1942 में भारत का तिरंगा फहराने वाला बलिया देश का पहला जिला बना। अन्याय के खिलाफ आवाज़ उठाने में बलिया का इतिहास स्वर्णिम है और दिल बड़ा है।’