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बैरिया के दिग्गज क्रांतिकारी विधायक अटके हैं अभी भी भाजपा के परीक्षा परिणाम से

-विधानसभा चुनाव 2022
-सिकंंदरपुर के विधायक हो चुके हैं पास, बेल्थरारोड के विधायक हुए हैं फेल
-दो मंत्रियों में भी उपेंद्र तिवारी पास हुए हैं पर आनंद स्वरूप अभी अटके हैं

शशिकांत ओझा
बलिया : विधानसभा चुनाव 2022 हो रहा है। बलिया में मतदान छठे चरण में है। नामांकन चार फरवरी से शुरू है। भाजपा पार्टी टिकट बटवारे की परीक्षा में दुर्भाग्य है कि अब तक क्रांतिकारी दिग्गज बैरिया के विधायक का परिणाम अभी तक अटका हुआ है। सिकंंदरपुर के विधायक संजय यादव परीक्षा में पास तो बेल्थरारोड के विधायक धनंजय कन्नौजिया फेल हो चुके हैं।

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भारतीय जनता पार्टी ने बलिया की सात सीटों में चार पर उम्मीदवार घोषित किए हैं। उनके यहां वर्तमान में पांच सीट है जिसमें तीन पर फैसला हो गया है। अभी अटके रिजल्ट वाली सीटों में आनंद स्वरूप वाली बलिया नगर और सुरेंद्र सिंह वाली बैरिया शामिल है। फेफना सेभी मंत्री उपेंद्र तिवारी पास हो गए हैं। बसपा के उमाशंकर सिंह के कब्जे वाली रसड़ा सीट से भी पार्टी ने बब्बन राजभर पूर्व सांसद को टिकट दिया है।
बात बैरिया की सीट की करें तो पिछली बार यहां से सुरेंद्र सिंह निर्वाचित हुए। सुरेंद्र सिंह अपने तेवर और बयानबाजी के लिए जाने जाते रहे हैं। सपा के अखिलेश यादव, कांग्रेस के राहुल गांधी ओवैसी जैसे नेताओं पर कटाक्ष उनकी आदत का हिस्सा बना हुआ है। बैरिया से भाजपा के कई लोग टिकट मांग भी रहे हैं। कारण क्या है कि भाजपा ने अब तक उनके सीट से उम्मीदवार की घोषणा नहीं किया है। उम्मीद है कि कल या परसो परिणाम आएगा। देखना है कि टिकट परीक्षा परिणाम सुरेंद्र सिंह के लिए कैसा आता है। सुरेंद्र सिंह संजय यादव की श्रेणी में आते हैं कि धनंजय कन्नौजिया की।
भाजपा के तीन विधायकों मेंदो का परिणाम आ गया है पर भाजपा के जिले में पांच विधायक हैं। दो चुंकि सरकार में मंत्री हैं इसलिए विधायक के सवाल पर तीन गिने गए। दो मंत्रियों में भी एक आनंद स्वरूप का अभी अटका है।

यक्ष प्रश्न : कहीं प्रदेश उपाध्यक्ष पर विचार तो कारण नहीं

जिले में मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ल और विधायक सुरेंद्र सिंह के टिकट पर पार्टी का होल्ड एक यक्ष प्रश्न को जन्म देता है। पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह हैं तो बिहार के पर अब वे यूपी के बलिया के हो गए हैं। उनकी पत्नी लखनऊ सरोजनी नगर से विधायक और योगी सरकार की मंत्री हैं। दयाशंकर सिंह इस बार लखनऊ उसी सीट से चुनाव लड़ने की मंशा जाहिर किए हैं और यह भी कहा है कि पार्टी जहां से कहेगी चुनाव लड़ूंगा। यदि पार्टी लखनऊ सरोजनी नगर से नहीं कहती है तो उनके पास बलिया नगर और बैरिया ही बचेगा। अब चर्चा यह हो रही है कि कहीं दयाशंकर सिंह के विचार में पार्टी ने बलिया की यही दो सीटें तो नहीं रोकी हैं। हालांकि यह यक्ष प्रश्न है।

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