-भिखारी ठाकुर जयंती कार्यक्रम
-संकल्प साहित्यक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्था बलिया द्वारा आयोजित की गई संगोष्ठी
बलिया : किसी भी समाज को बेहतर बनाने में साहित्य एवं कला का विशिष्ट योगदान होता है। सामाजिक विडंबनाओं को उजागर करना और उन विडंबनाओं को दूर करने के लिए सही दिशा निर्देशन करना साहित्य एवं कला का प्रमुख उद्देश्य है । कहा भी गया है कि कला सिर्फ कला के लिए नहीं बल्कि जीवन को खूबसूरत बनाने के लिए है ।
उक्त बातें जनपद के वरिष्ठ साहित्यकार डॉ जनार्दन राय ने महान लोक कलाकार भिखारी ठाकुर की जयंती एवं जनवादी शायर अदम गोंडवी की पुण्यतिथि के अवसर पर कहा । संकल्प साहित्यक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्था बलिया द्वारा आयोजित “साहित्य एवं कला के सामाजिक सरोकार ” विषय पर आयोजित संगोष्ठी में बोलते हुए उन्होंने कहा कि भिखारी ठाकुर ने अपने नाटकों के माध्यम से और अदम गोंडवी ने अपने नज्मों और कविताओं के माध्यम से समाज में जो बदलाव लाया निश्चित रूप से हम सबके लिए अनुकरणीय है। उक्त गोष्ठी का विषय प्रवर्तन करते हुए संकल्प के सचिव रंगकर्मी आशीष त्रिवेदी ने कहा कि भिखारी ठाकुर ने अपने नाटकों के माध्यम से ना सिर्फ तात्कालीन समाज को बदला बल्कि अपने समय से आगे बढ़कर इस समाज को एक दिशा भी दिया । उनके नाटकों में पलायन का दर्द , स्त्री व्यथा , धर्म , जाति और संप्रदाय का दंश झेलते समाज की विडंबनाए तो दिखती हो वे उन पर बड़े ही संजीदगी से चोट भी करते हैं । वहीं अदम गोंडवी ने आजादी के बाद हमारे देश के जो हालात रहें जिसमें गरीब और गरीब अमीर और अमीर बनता चला गया इसके कारणों की पड़ताल करते हुए आम आदमी के साथ खड़े होते हैं । वरिष्ठ साहित्यकार देवकुमार सिंह ने कहा कि कोई भी रचना या रचनाकार बिना सामाजिक सरोकार के जीवित रह नहीं सकता इस अवसर पर डॉ शशि प्रेम देव , डॉ ० कादम्बिनी सिंह , विनोद विमल , सूर्य बली प्रसाद , नवचंद तिवारी ने अपनी रचनाओं के माध्यम से इन दोनों महान विभूतियों को श्रद्धांजलि अर्पित की। कार्यक्रम में डॉ० इफ्तेखार खान , सुभाष चंद्र सेवा संस्थान के सचिव अरविंद गुप्ता , अनुपम पांडेय , शुभम द्विवेदी , ट्विंकल गुप्ता इत्यादि मौजूद रहे। पंडित ब्रजकिशोर त्रिवेदी ने सबके प्रति आभार व्यक्त किया। संचालन आशीष त्रिवेदी ने किया।