-गायत्री परिवार बलिया
-गायत्री शक्तिपीठ द्वारा आयोजित अनुष्ठान में दूसरे दिन शुरू हुआ यज्ञ का दौर
-108 कुंडीय महायज्ञ में भक्तों ने स्वहित, स्वजन हित, समाजहित की आहूति
शशिकांत ओझा
बलिया : महावीर घाट स्थित गायत्री शक्तिपीठ पर चल रहे 108 कुन्डीय गायत्री महायज्ञ के दूसरे दिन शांतिकुंज हरिद्वार से पधारे विद्वान आचार्यों ने देवी-देवताओं का आवाह्न, देवपूजन आदि कराने के बाद यज्ञ शुरू किया। आचार्य के निर्देश पर भक्तों ने स्वहित, स्वजनहित और समाजहित के लिए आहूति दिया। परिसर में आस्था का ऐसा सैलाब उमड़ा जिसमें भक्त मनोयोग से गोता लगाते रहे।
आचार्य सर्वेश कुमार शर्मा ने यज्ञ की महिमा को बताते हुए कहा कि वातावरण को शुद्ध करने का एक मात्र उपाय यज्ञ ही है। लंका युद्ध के पश्चात रावणी प्रवृत्ति को हटाने के लिए भगवान श्रीराम ने काशी में दशाश्वमेध यज्ञ किया था। वहीं महाभारत युद्ध के पश्चात युधिष्ठिर ने राजसूय यज्ञ किया था ताकि वातावरण को साकारात्मक बनाया जा सके। सभी मनुष्यों को प्रतिदिन यज्ञ करना चाहिए। बताया कि प्रजापिता ब्रह्मा जी ने कल्प के आदि में कहा था कि यज्ञ तुम्हारा जुड़वां भाई है। तुम लोग यज्ञ के द्वारा अपना इच्छित मनोकामनाओं को प्राप्त कर सकते हैं। महाराज दशरथ को भी यज्ञ के माध्यम से ही चार पुत्र प्राप्त हुए थे। भगवान श्रीकृष्ण ने गीता में कहा है कि यज्ञ के माध्यम से देवताओं को संतुष्ट करो देवता तुम्हें इच्छित फल देंगे। यज्ञ से बचे हुए अन्न को खाने वाले श्रेष्ठ पुरुष सब पापों से मुक्ति हो जाता है। इस दौरान यज्ञाचार्य रमेश पटेल, संगीत मय प्रवचन गुड़सागर जी राणा, कमल सिंह चौहान व कपिल देव यादव रहे।
शक्तिपीठ प्रभारी ने बताया परिसर की दिनचर्या
गायत्री शक्तिपीठ प्रमुख विजेन्द्र नाथ चौबे ने बताया कि शक्तिपीठ के प्रांगण सुबह छह बजे से साढ़े सात बजे तक जप, ध्यान, प्रज्ञा योग व्यायाम किया जायेगा। आठ बजे से 12 बजे तक गायत्री महायज्ञ एवं विभिन्न संस्कार इस दौरान इच्छुक लोग गुरु दीक्षा लेंगे। पांच से सात बजे तक संगीत मय प्रवचन एवं भव्य दीप यज्ञ होगा।
आगंतुकों का स्वागत करते रहे बच्चे
गायत्री शक्तिपीठ में आयोजित अनुष्ठान में सहभाग को पहुंचे भक्तों का मुख्य द्वार पर अभिनंदन बच्चों ने किया। बच्चों ने बड़े ही अदब से बड़ों का स्वागत किया। पूरे दिन स्वागत कर रहे बच्चे सभी बड़ों के बीच आकर्षण का केंद्र रहे।
पूरे शहर में पहुंचा शक्तिपीठ परिसर यज्ञ आहूति का धुंआ
गायत्री शक्तिपीठ परिसर में 108 कुंडीय महायज्ञ की आहूति के बाद निकला धुआं शहर में जब फैला तो सभी नगरवासियों ने आनंद की अनुभूति की। मौसम की प्रतिकूलता के बाद भी भारी संख्या में भक्त पहुंचे।