
शशिकांत ओझा
बलिया : प्रकृति एवं वरिष्ठ सदैव आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं। बच्चा या व्यक्ति कदम दर कदम उत्थान के सोपान की ओर अग्रसर रहता है। प्राइमरी से जूनियर, हाई स्कूल, इंटरमीडिएट फिर अन्य बड़े संस्थान की ओर अपने कार्यों को संपन्न करते हुए सदैव झरने की भांति गतिशील रहता है। उनके लक्ष्य व सफलता में प्रत्येक कड़ी का योगदान होता है।और ऐसा होना भी चाहिए।



ऐसा ही परिदृश्य अगरसंडा स्थित सनबीम स्कूल में कक्षा 12वीं के फेयरवेल असेंबली में देखने को मिला। सत्र में लगभग अंतिम बार कक्षा बारहवीं के समस्त छात्र-छात्राए शामिल थे। छात्रों ने विद्यालय के दौरान मिले अनुभवों को उपस्थित लोगों के समक्ष साझा किया। कई बार भावनाओं के पल भी आए तो कई की आंखें नम हो गई। बच्चों ने मुक्त कंठ से अपने अध्ययन, संस्कार, क्रियाकलापों में मिले सकारात्मक सहयोग में जूनियर से लेकर सीनियर तक के शिक्षकों व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों, सभी के प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष योगदान की सराहना की। उन्होंने अपने से जूनियर विद्यार्थियों को लक्ष्य चलने का संदेश दिया।

कोऑर्डिनेटर पंकज सिंह, शहरबानो, नीतू पांडेय व निधि सिंह ने छात्रों को उनके उज्जवल भविष्य का मंत्र व परीक्षापयोगी टिप्स दिया। प्रशासक एसके चतुर्वेदी ने बच्चों की शानदार उपलब्धि की प्रशंसा की व भविष्य में भी उपलब्धि की अपेक्षा की। प्रधानाचार्या डॉ अर्पिता सिंह ने शुभकामनाओं के साथ 12वीं के समस्त छात्र-छात्राओं को तिलक, रोली लगाकर दही खिलाया। उन्होंने बच्चों को शेष बचे समय में पल-पल का सदुपयोग करने का सुझाव दिया। कहा कि आप ही देश के भविष्य हैं। एक-एक अंक आपके लिए महत्वपूर्ण है।

विद्यालय के निदेशक डॉ अरुण कुमार सिंह ने अपने संदेश में कहा कि यह विद्यालय सदैव बच्चों के साथ है। यहां से निकलकर बच्चे जहां भी रहेंगे, हमेशा हमारी स्मृतियों में रहेंगे। आवश्यकता पड़ने पर हमारे शिक्षकगण यथासंभव उनकी मदद करेंगे। कर्तव्य, लगन व अनुशासन को हर परिस्थिति में प्रासंगिकता देनी है।

यही सम्यक व विकसित राष्ट्र व समाज हेतु आवश्यक है। चेयरमैन संजय पांडेय व सचिव अरुण सिंह ने भी बच्चों को उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर शिक्षकगण मिथिलेश पांडेय, आर विक्रम सिंह, स्नेहा सिंह, नवचंद्र तिवारी, मोनिका दुबे, स्वाति सिंह,बैजनाथ प्रसाद,अरविंद सिंह, अनूप गुप्ता,पंकज सिंह (स्पोर्ट), अमिता राव ,रोहित कुमार, नूरुल हक ,बी एन तिवारी, पवनेश सिंह आदि वरिष्ठ वर्ग के शिक्षक मौजूद रहे। संचालन वैष्णवी व ऋषिकांत ने किया।






