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फाइलेरिया उन्मूलन महायज्ञ में स्वास्थ्य विभाग ने मांगी मीडिया की भी आहूति

-सर्वजन दवा सेवन अभियान

-मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय के सभागार में आयोजित हुई मीडिया कार्यशाला

शशिकांत ओझा

बलिया : सर्वजन दवा सेवन अभियान (मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन) कार्यक्रम के अंतर्गत मुख्य चिकित्साधिकारी ने सोमवार को मीडिया से भी आयोजन की सफलता के लिए सहयोग मांगा। सीएमओ कार्यालय के सभागार में मीडिया कर्मियों की कार्यशाला का आयोजन हुआ जिसमेंं फाइलेरिया के बाबत विस्तार से जानकारी दी गई तथा सभी को दवा सेवन भी कराया गया। 

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सीएमओ की अध्यक्षता में वीबीडी नोडल डॉ० अभिषेक मिश्रा द्वारा स्वगत एवं सर्वजन दवा सेवन अभियान  2023 के विषय में प्रस्तुतीकरण करके मीडिया कर्मियों को विस्तार से बताया गया। मुख्य चिकित्साधिकारी बलिया द्वारा अवगत कराया गया कि सर्वजन दवा सेवन अभियान जनपद में 10 से 27 फरवरी 2023 के मध्य किया जाएगा। गैरमतलब हैं कि फाइलेरिया दीर्घकालिक विकलांगता का विश्व में दूसरा प्रमुख कारण है यह आमतौर पर हाथीपांव के नाम से जाना जाता है। मच्छरों के काटने से जब सूक्ष्म फाइलेरिया परजीवी मनुष्य के शरीर में पहुंच जाते हैं तब संक्रमण होता है।

आमतौर पर फाइलेरिया के कोई लक्षण स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं देते, लेकिन बुखार, पेट दर्द, मांसपेशियों में दर्द, उल्टी होना, त्वचा का लाल हो जाना, बदन में खुजली और पुरुषों के जननांग और उसके आस-पास दर्द व सूजन इसके मुख्य लक्षण हैं। दीर्घकालिक (5 से 15 वर्ष) संक्रमण के बाद व्यक्ति में हाथीपांव, हाइड्रोसील (पुरुषों के अंडकोष में सूजन) या काईल्युरिया (पेशाब में सफेद रंग के द्रव का आना), महिलओं में स्तन में सूजन, आदि लक्षण उत्पन्न होते हैं। उत्तर प्रदेश के 75 में से 51 जिलों में फाइलेरिया का प्रभाव है। बताया पहली रणनीति मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) हैं इसमें सभी पात्र व्यक्तियों को वर्ष में एक बार, दो दवाएं (एल्बेंडाजोल और डीईसी) खिलाई जाती हैं। रुग्णता प्रबंधन और विकलांगता कि रोकथाम दूसरी रणनीति  हैं, इस रणनीति में, घर पर लिम्फेडेमा के मरीज के प्रबंधन हेतु रोगियों और उनके परिजनों को प्रशिक्षण दिया जाता है एवं जिला अस्पताल एवं ब्लॉक स्तरीय अस्पतालों में हाईड्रोसील के मरीजों की सर्जरी की जाती हैं । मास ड्रग एडिमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) के दौरान लाभार्थियों को प्रति वर्ष सर्वजन दवा सेवन अभियान के अंतर्गत फाइलेरिया रोधी दवाओं की एक खुराक दी जाती है । जिसका सेवन ड्रग एडमिनिस्ट्रेटर के सामने किया ही जाना चाहिए । इस अभियान के दौरान स्वास्थ्य विभाग कि दो सदस्यीय टीम घर-घर जाकर लोगो को दवा का सेवन कराएगी । ग्रामीण क्षेत्रों में, एक सदस्य उसी गांव की आशा बहन होंगी, दूसरा सदस्य अगंवाडी कार्यकत्री या नोडल व्यक्ति द्वारा चिन्हित कोई अन्य कार्यकर्ता होगा ।

प्रतिदिन कार्यक्रम का प्रारंभ प्रातः 11 बजे से किया जाएगा तथा इसका संचालन बुधवार, शनिवार एवं रविवार को नहीं होगा । प्रत्येक टीम को एक दिन की एक्टिविटी में 25 घरों का भ्रमण करना होगा । जिसमे लगभग 125 लोगों को अपने सामने दवा का सेवन कराना होगा । गतिविधि सोमवार, मंगलवार, गुरुवार और शुक्रवार को होगी । दैनिक रूप से प्रत्येक दिन कि गतिविधि के बाद ब्लाक एवं जनपद स्तर पर समीक्षा बैठक होगा । दवा खिलने के बाद लाभार्थी के दाहिने हाथ की तर्जनी उंगली के नाखून पर मार्कर पेन (पोलियों वाला) से निशान लगाया जाएगा तथा हाउस मार्किंग कि जाएगी। वर्त्तमान में जनपद बलिया में फाइलेरिया के कुल 1762 मरीज संसूचित हैं, जिनमे से ज्यादातर मरीज पंदह, बलिया शहर, सोहाव, हनुमानगंज, दुबहड़, बेरुवारबरी एवं बांसडीह से हैं। उक्त अभियान के अंतर्गत बलिया के कुल 30,25,109 लक्षित जनसंख्या को दवा का सेवन कराया जाएगा जिसमे से  2 से 5 वर्ष के 30,9,962 लाभार्थी तथा  5 से 14 वर्ष के 6,68,070 लाभार्थी चिह्नित किये गए हैं । इस अभियान के दौरान स्वास्थ्य विभाग कि कुल 2772 टीमें कार्य करेगी इनके पर्यवेक्षण हेतु 439 पर्यवेक्षकों कि तैनाती कि गई हैं।

आईसीडीएस, स्वास्थ्य विभाग एवं अन्य विभागों के कार्मिक तथा स्वयंसेवक होगे। उक्त अभियान के गुणवत्तापूर्ण संचालन हेतु अल्पसंख्यक कल्याण, बेसिक शिक्षा, पूर्ति अधिकारी, विद्यालय निरीक्षक, आजीविका मिशन, आईसीडीएस तथा  पंचायत राज विभाग द्वारा आवश्यक आदेश निर्गत किये गए हैं। इस अभियान के सफल संचालन हेतु जिलाधिकारी, मुख्य चिकित्साधिकारी तथा मुख्य विकास अधिकारी द्वारा भी अपील जारी कि गई हैं। जिला मलेरिया अधिकारी सुनील कुमार यादव  द्वारा बताया गया अभियान के सफल संचालन हेतु स्वास्थ्य विभाग द्वारा विभिन्न विद्यालयों का संवेदीकरण किया जा रहा है। अभियान के प्रचार के बाबत भी बताते हुए सीएमओ ने मीडिया का स्नेह मांगा।  डॉ० जयंत ने बताया कि गर्भवती महिलाओं, गंभीर रोंगों से ग्रसित व्यक्तियों तथा एक वर्ष से कम आयुवर्ग के बच्चों को यह दवा नहीं खानी हैं तथा उच्च रक्त चाप, मधुमेह, अर्थराइटिस अन्य बीमारी की दवाइयों के साथ इस दवा का सेवन कर सकते हैं। नोडल वीबीडी डॉ० अभिषेक मिश्रा द्वारा बताया गया कि फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं/ ड्रग एडमिनिस्ट्रेटर के सामने ही करना हैं इस अभियान हेतु जनसमुदाय को प्रेरित करना कि यह दवायें, फाइलेरिया न हो, इसलिए दी जाती हैं।

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