-दुर्भाग्य
-बलिया के बैरिया सोनबरसा स्थित अस्पताल में घटित हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना
नित्यानंद सिंह
बैरिया : सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सोनबरसा से लगातार तीन घंटे तक एक अभागा पिता अपने नवजात बालक को बलिया ले जाने के लिये एम्बुलेंस वाले का फोन मिलाकर इंतजार करता रहा। एंबुलेंस आ जाये और मैं अपने जिगर के टुकड़े को जिला हॉस्पिटल में बेहतर इलाज करा सके पर परंतु दुर्भाग्य नवजात ने मां के गोद मे पड़े पड़े एम्बुलेंस आने के इंतजार में दम तोड़ दिया। बार बार एम्बुलेंस व्यवस्था द्वारा उस अभागे पिता को तसल्ली दी जा रही थी कि एम्बुलेंस सोनबरसा हॉस्पिटल पर पहुंच रही है। सिस्टम की व्यवस्था देखिये की नवजात के दम तोड़ने के घंटो बाद भी एम्बुलेंस हॉस्पिटल पर नहीं पहुंची।
जानकारी के अनुसार बैरिया थाना क्षेत्र के उपाध्यायपुर निवासी रंजय तिवारी को एक रोज पहले पुत्र सुख की प्राप्ति हुई थी। क्षेत्र के कोटवां हॉस्पिटल पर नार्मल प्रसव के बाद दूसरे दिन अचानक नवजात बच्चे की तबियत खराब होने लगी। उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। गुरुवार को रंजय अपने परिजनों के साथ बच्चे को लेकर सोनबरसा हॉस्पिटल पहुंचा। जहां पर डॉ. विजय यादव ने प्राथमिक उपचार कर बच्चे को शिशु रोग विशेषज्ञ से दिखाने के लिये बलिया रेफर कर दिया। बच्चे को सांस लेने में दिक्कत थी इस वजह से चिकित्सक ने एम्बुलेंस से ले जाने की सलाह दी। एम्बुलेंस में ऑक्सीजन की व्यवस्था रहती है इस वजह से परिजन भी एम्बुलेंस को फोन कर इंतजार करने लगे। परंतु एम्बुलेंस संचालक द्वारा रंजय को दस मिनट, पंद्रह मिनट की सलाह तब तक देता रहा जब तक नवजात ने इलाज के अभाव में मां की गोद मे ही दम तोड़ न दिया। रंजय व उसके परिजनों ने घंटों सोनबरसा हॉस्पिटल में हंगामा किया। यहां तक कि तीन घंटे से भी अधिक समय तक हॉस्पिटल के मुख्य द्वार पर धरने पर बैठे रहे। जानकारी होने पर उप जिलाधिकारी प्रशांत नायक ने रंजय को संबंधितों के खिलाफ थाना में तहरीर देने की बात कही। रंजय अपने नवजात शिशु के मौत से इस कदर आक्रोशित था कि उसने एम्बुलेंस परिचालन की प्रक्रिया व चालकों पर आरोप की बौछार लगा दी।किसी तरह वहां उपस्थित लोगों व चिकित्सको ने रंजय व उसके परिजनों को समझा बुझाकर घर भेज दिया। रंजय उपाध्याय द्वारा इस सम्बंध में बैरिया पुलिस को एम्बुलेंस संचालकों के खिलाफ लिखित तहरीर दे दी है।