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कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय कैंपस कायाकल्प के भगवान ही मालिक!

-हाल नगर पंचायत चितबड़ागांव का

-29 लाख रुपये का कार्य, भुगतान भी 17 लाख, पर कार्य दिखता नहीं

-परिसर प्रवेश द्वार पर लगा है पुरा पानी, आने जाने वालों की फजीहत

शशिकांत ओझा

बलिया : नगर पंचायत चितबड़ागांव में पूर्व के नगर पंचायत अध्यक्ष पर कोर्ट का डंडा चला और नगर पंचायत का सभी दायित्व अधिशासी अधिकारी के कंधे पर रहा। अधिशासी अधिकारी ने इस दायित्व का निर्वहन भी किया पर उसका परिणाम लोगों को अब दिख और समझ में आ रहा है। विकास के नाम पर लूट खसोट का आलम चरम पर है। एक एक कर मामलों की कलई खुल रही है। यहां के विकास मामलों के मालिक सिर्फ भगवान हैं।

नगर पंचायत चितबड़ागांव में स्थित शिक्षा क्षेत्र सोहांव के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय कैंपस कायाकल्प के नाम पर 31 दिसंबर 2021 में 29 लाख 40 हजार 100 रुपये का टेंडर जारी हुआ। चार जनवरी 2022 को टेंडर खुला भी और एक फर्म को वह कार्य मिला भी। कार्य होते होते एक वर्ष से अधिक समय बीत भी गया। फर्म को 17 लाख का भुगतान नगर पंचायत ने किया भी पर कार्य परिसर में कुछ दिखाई नहीं देता।

कैंपस कायाकल्प के नाम पर कार्य था पर परिसर के मुख्य द्वार पर पानी है। बच्चियों और अध्यापकों को पानी से होकर परिसर में जाना मजबूरी बन गया है। नगर पंचायत चितबड़ागांव के 17 लाख कहां खर्च हुए हैं इसके भगवान ही मालिक हैं। कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय के प्रधानाध्यापक का कहना है कि हमारे परिसर में एक रुपये का कार्य भी नहीं हुआ है। बाकी हम कुछ नहीं जानते।