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जनपद को कालाजार से बचाने के लिए विभाग है पूरी तरह क्रियाशील

-स्वास्थ्य विभाग का कार्यक्रम

-बचाव को आईआरएस जरूरी, 31 अगस्त से होगा प्रभावित ब्लाक में किया जायेगा छिड़काव 

– घर के साथ रसोई एवं पूजा घरों में अवश्य कराएं आईआरएस, करें मच्छरदानी का प्रयोग

शशिकांत ओझा

बलिया : जनपद में कालाजार उन्मूलन के लिए प्रभावित ब्लॉक में 31अगस्त से आईआरएस किया जायेगा। इस कार्यक्रम के तहत ग्रामीण इलाकों मे मिट्टी के घरों या कच्चे घरों, दरारों, दीवारों आदि में पनपने वाली बालू मक्खी को खत्म करने के लिए छिड़काव किया जाएगा।

यह जानकारी जिला मलेरिया अधिकारी सुनील कुमार यादव (डीएमओ) ने दी है। बताया कि पिछले तीन वर्षों में कालाजार से 10 ब्लॉक के 35 ग्राम प्रभावित हैं। इनमें हनुमानगंज, मुरलीछपरा, कोटवा, रेवती, दुबहड़, चिलकहर, मनियर, बांसडीह, सोहाव,और पंदह ब्लॉक कालाजार प्रभावित हैं। खास बात यह है कि जनवरी 2023 से अभी तक  केवल एक मरीज  पीकेडीएल (चमड़ी वाला कालाजार) का मिला है।

क्या है आईआरएस

कीटनाशक दवा का छिड़काव यानि इंडोर रेजीडुअल स्प्रेईंग/ अंत:अवशेषी छिड़काव आईआरएस है। यह एक ऐसी विधि है जिसके द्वारा घर के अन्दर की दीवारों और घर में जानवरों के लिए बनाए गए आश्रय स्थलों पर छह फ़ीट की ऊँचाई तक दवा का छिड़काव किया जाता है। ताकि, कालाजार बीमारी का कारक बालू मक्खी से बचाव किया जा सके | कीटनाशक का छिड़काव, बालू मक्खी की संख्या को कम करता है। कीटनाशक का छिड़काव यदि सभी हिस्सों में नहीं किया गया हो तो बालू मक्खी बिना छिड़काव वाली सतह पर सुरक्षित रह जायेगी और उसे कोई नुकसान नहीं होगा।