
-सत्ता पक्ष में आंतरिक गतिरोध
-केतकी सिंह के हिस्से में मेडिकल कालेज का श्रेय जाने पर दयाशंकर सिंह का एतराज
शशिकांत ओझा
बलिया : जनपद को उत्तर प्रदेश सरकार ने मेडिकल कालेज इस बजट में दिया है। 27 करोड़ की धनराशि भी स्वीकृत है। मेडिकल कालेज का नाम स्वतंत्रता सेनानी चित्तू पांडेय के नाम पर हो गया है। लेकिन मेडिकल कालेज का श्रेय लेने के चक्कर में जिले का राजनीतिक रंगोत्सव बिगड़ गया है। सत्ताधारी दल के सदस्यों में ही आंतरिक गतिरोध दिख रहा है।
उत्तर प्रदेश सरकार के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बजट प्रस्तुत करते समय बलिया को राजकीय मेडिकल कालेज दिया। 27 करोड़ की पहली किश्त भी दिया। अगले ही दिन जनपद के सभी बड़े समाचार पत्रों में परिवहन मंत्री ने विज्ञापन छपवाकर मुख्यमंत्री और वित्तमंत्री को शुभकामनाएं दी। शहर और सोशल मीडिया पर होर्डिंग और पोस्टर की बरसात हो गई। सबको लगा कि जिले में मेडिकल कालेज परिवहन मंत्री के प्रयास से आया है। इसी बीच सदन के बजट सत्र में ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि बलिया को मेडिकल कालेज बांसडीह विधायक केतकी सिंह के बार बार के आग्रह पर दे दिया। फिर क्या था बांसडीह और जनपद के लोगों में खुशी दौड़ पड़ी। बजट सत्र के बाद विधायक केतकी सिंह जब बलिया पहुंची तो कार्यकर्ताओं ने रेलवे स्टेशन पर उनका भव्य स्वागत किया। स्टेशन से उनके मैरीटार आवास पर सैकड़ों गाड़ियों संग पहुंचाया। रास्ते में दर्जनों स्थानों पर विधायक का भव्य अभिनंदन भी हुआ। विधायक ने भी कहा बलिया मेडिकल कालेज का श्रेय सभी मतदाताओं को है, मुख्यमंत्री को है। सदन में मुख्यमंत्री ने जो कहा यह उनकी उदारता है। बांसडीह की जनता पर स्नेह है।
परिवहन मंत्री जिले में आए तो आम लोगों सहित मीडिया कर्मियों ने पूछ क्या लिया परिवहन मंत्री एक तरह से भड़क गए। कहा कि मेडिकल कालेज का श्रेय तो मुख्यमंत्री को ही है लेकिन प्रयास हमने किया। कहा जो लोग (विधायक का नाम लिए बगैर) इसका श्रेय ले रहे हैं उन्होंने कभी कोई पहल नहीं की। आफ रिकार्ड, आन रिकार्ड अभी पत्राचार भी नहीं किया। सदन में भोजपुरी शुरुआत भाषण में भी मेडिकल कालेज का नाम तक नहीं लिया। मुख्यमंत्री ने सदन में इसलिए कहा कि पीछे से बार बार उनसे कहा जा रहा था। श्रेय लेना गलत है। परिवहन मंत्री और बांसडीह विधायक के आपसी द्वंद्व भरे बयान से जिले का राजनीतिक रंगोत्सव बिगड़ सा गया है। मेडिकल कालेज दयाशंकर का या केतकी का अब यक्ष प्रश्न बन गया है।