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पूर्वांचल बलिया राजनीति राज्य

प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन और ब्राह्मण सम्मान से कुछ सीनियरों का बिगड़ सकता है खेल

-समाजवादी पार्टी का मिशन 2022
-सपा प्रमुख किस विधानसभा को चुनेंगे ब्राह्मण समाज के लिए अभी बंद
-नगर विधानसभा क्षेत्र की है ज्यादा चर्चा तो भी कुत का बिगड़ सकता गेम
-विधानसभा बैरिया लिया तो भी कुछ नेताओं की मेहनत पर पानी
-किसी विधानसभा को नहीं लिया तो मिशन 400 पूरा होने में रहेगा संदेह

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बलिया : उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव जल्द ही होने वाला है। मिशन 2022 की तैयारी में सभी दल जुट गए हैं। समाजवादी पार्टी भी तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटी है। भाजपा से लड़ने का पूरा दम यूपी में यही दल रखता है। बलिया जिले में कुछ सपा नेताओं का निजी खेल बिगड़ने वाला है। सपा का प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन और ब्राह्मण समाज का सम्मान इसकी मुख्य वजह होने वाला है।

बात करें तो समाजवादी पार्टी ने प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन बलिया से शुरू किया। ब्राह्मण समाज को जगाया भी। अब सपा के सामने चुनावी खेल में ब्राह्मण समाज को संतुष्ट करने की गणित है। यदि बलिया जिले की बात करें तो यहां सात विधानसभा क्षेत्र हैं। ऐसे में समाजवादी पार्टी कम से कम एक विधानसभा क्षेत्र का टिकट ब्राह्मण समाज के किसी नेता को दे सकती है। यदि ऐसा हुओ तो सपा का भला होगा ही लेकिन पार्टी के कुछ नेताओं का व्यक्तिगत नुकसान भी। समाजवादी पार्टी में नगर विधानसभा और बैरिया विधानसभा की चर्चा इस श्रेणी में है। यदि अखिलेश यादव ने बलिया नगर से ब्राह्मण समाज के किसी को लड़ाया तो कुछ वरिष्ठ नेताओं का लाभ तो नहीं रुकेगा पर वे विधायक नहीं बन पाएंगे। यदि बैरिया को चुना गया तो यही स्थिति वहां भी होगी। यदि ब्राह्मण समाज से प्रेम और इसका चुनावी लाभ लेने के लिए दोनों विधानसभा क्षेत्र को ब्राह्मण समाज को ही दे दी गई तो दर्जन भर वरिष्ठ मनहूस होंगे। देखना अहम है अखिलेश यादव का निर्णय कैसा आता है। सभी नेता अपने अपने हिसाब से जुगाड़ लगाने में व्यस्त हैं।

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