-आनलाइन ब्याख्यान
-‘लिविंग लिजेंड्स ऑफ बलिया’ फोरम के तत्वावधान में ‘संगच्छद्धवं ( हम साथ- साथ चलें) शीर्षक पर चर्चा
-प्रो० गोपाल नाथ तिवारी, पूर्व प्रोफेसर आई आई टी, दिल्ली ने कहा सूर्य ऊर्जा का अक्षय स्रोत
बलिया : जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय में गुरुवार को लिविंग लिजेंड आफ बलिया फोरम द्वारा हम साथ साथ हैं विषयक ब्याख्यान हुआ। इस दौरान वक्ताओं ने अपनी चर्चा किया।
प्रो. गोपाल नाथ तिवारी ने चर्चा किया। कहा कि पृथ्वी तक आने वाली सूर्य की किरणें इस सौर ऊर्जा को धरती तक ले आती हैं। इसी ऊर्जा से पृथ्वी का समस्त जीवन और पर्यावरण संचालित होता है। इस ऊर्जा का समुचित प्रयोग करते हुए हम विभिन्न प्रकार की संपोषी विकास की तकनीकी का प्रयोग कर सकते हैं। इस संदर्भ में आपने अपने चिल्कहर स्थित सौर ऊर्जा संयंत्र का उदाहरण दिया जिसमें आपने विभिन्न संयंत्रों के संचालन में इसकी सहायता ली है।
आज आवश्यकता इस बात की है कि संसाधनों का इस प्रकार समेकित रूप से प्रयोग हो कि एक साथ कई लाभ प्राप्त हो सकें। इस संदर्भ में आपने बताया कि मछली पालन, मुर्गी पालन और सामाजिक वानिकी का एक साथ प्रयोग किया जा सकता है।आपने बताया कि प्राचीन भारतीय जीवन पद्धति पर्यावरण के अनुकूल थी, किंतु वर्तमान जीवन शैली पर्यावरण के प्रतिकूल है। इसके उदाहरण के रूप में उन्होंने भवन निर्माण की बात की और बताया कि भारत में गर्मी ज्यादा पड़ती है अतः यहाँ ऐसे घर होने चाहिए जो ताप रोधी हों और जिनसे हवा आ- जा सके। पहले ऐसे ही घर बनते थे किंतु अब ग्लास का ज्यादा प्रयोग किया जा रहा है जो घरों को गर्म करता है। आपने यह वचन दिया कि विश्वविद्यालय के किसी भी प्रोजेक्ट, अनुसंधान, अकादमिक गतिविधि के लिए अपनी योग्यता के अनुरूप हर संभव सहयोग करेंगे।
अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए कुलपति प्रो. कल्पलता पांडेय ने अपने शिक्षकों और शोधार्थियों का आह्वान किया कि वे अनुसंधान में अपनी मेधा का प्रयोग करें। उनकी सहायता हेतु लिविंग लिजेंड्स तत्पर हैं। शासन भी अनुसंधान पर बल दे रहा है और इसके लिए प्रोजेक्ट मांग रहा है। आप मुझे अपना प्रोजेक्ट दें ताकि मैं शासन में उसे भेज सकूँ। इस प्रकार विश्वविद्यालय में अनुसंधान और शिक्षण का एक प्रेरक वातावरण निर्मित होगा जिससे युवा प्रतिभाओं का निर्माण व विकास होगा।