-विभाग की भूमिका पर सवालिया निशान
-जिले के अनुज्ञापियों से टैक्स तो लेता है विभाग पर करता कुछ नहीं
पुलिस जब वैध शराब को भी कहती अवैध तो विभाग साध लेता चुप्पी
शशिकांत ओझा
बलिया : वैदिक काल से यक्ष प्रश्न का मतलब यही रहा है कि जिसका जवाब किसी के पास नहीं हो। वर्तमान में भी बलिया जिले में आबकारी विभाग की भूमिका भी एक बड़ा यक्ष प्रश्न का स्वरूप अख्तियार कर चुकी है। लोग अब विभाग के औचित्य पर सवालिया निशान उठाने लगे हैं।
आबकारी विभाग शराब के कारोबार को देखने के लिए नित्रत है। वह जिले में थोक और फुटकृ अनुज्ञापी नियत करता है और उनसें टैक्स वसूल करने के बाद शराब व्यवसाय की अनुमति देता है। पुलिस जब जिले में एक्साइज ड्यूटी पेड शराब को अवैध शराब बताते हुए चालन करती है तब भी विभाग नहीं आता कि शराब तो वैध है। हरियाणा औऋ चंडीगढ़ की शराब जिले में अनवरत आ और बिहार जा रही है। विभाग इस पर भी कोई रोक लगे ऐसा कार्य नहीं करता। लोग अब यहां तक कहने लगे हैं कि आबकारी विभाग केवल टैक्स और महीना लेने के लिए है। अनुज्ञापियों के लिए विभाग के पास कुछ है ही नहीं।