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नगर निकायों में अवैध अतिक्रमण करने वालों पर चलेगा प्रशासन का चाबुक

-शासन प्रशासन का निर्णय

-अवैध अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई प्रारंभ होगी 06 दिसंबर से

-अवैध अतिक्रमण कारियों पर होगा आर्थिक जुर्माना और सजा भी

शशिकांत ओझा

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बलिया : शासन एवं जिलाधिकारी के निर्देश के क्रम में जनपद के समस्त नगर निकायों में सार्वजनिक मार्ग, अवैध टैक्सी स्टैंड, सड़क के किनारे अनाधिकृत कब्जा व अवैध निर्माणों को हटाने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। जिला प्रशासन ने अतिक्रमण करने वालों पर चाबुक चलाने का निर्णय लिया है। अतिक्रमण करने वालों पर आर्थिक जुर्माना और सजा का भी प्राविधान है। अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई 06 दिसंबर से प्रारंभ होगी।

मुख्य राजस्व अधिकारी त्रिभुवन ने इस आशय की जानकारी देते हुए बताया कि समस्त अधिशासी अधिकारी 05 व 06 दिसंबर को लाउडस्पीकर के माध्यम से अपने-अपने निकायों में एनाउंस कराने के साथ अवैध अतिक्रमण हटाये जाने वाले कार्यों को सुनिश्चित करते हुए व्यापार मंडल आदि से भी वार्ता करना सुनिश्चित करेंगे ताकि उक्त अवैध अतिक्रमण हटाए जाने हेतु आम लोगों का सहयोग मिल सके। अवैध अतिक्रमण 6 दिसंबर से हटाया जाएगा।

अधिशासी अधिकारियों को दिया गया निम्नवत निर्देश 

-नगर पालिका अधिनियम-1916 की सुसंगत धाराओं के अंतर्गत नगर पालिका/नगर पंचायत की सड़कों पर अवैध अतिक्रमण हटाया जाना सुनिश्चित किया जाए इस धारा के अंतर्गत बगैर नोटिस दिए हुए भी अवैध कब्जेदारो को तथा सड़क पर किए गए अवैध कब्जे व निर्माण को तोड़ा भी जा सकता है। 

-समस्त अधिशासी अधिकारी को निर्देशित किया गया कि अपने-अपने निकायों में पुलिस प्रशासन के साथ संयुक्त रूप से अभियान चलाकर कब्जा एवं अतिक्रमण को कब्जा तथा ‘‘फॉलो अप एक्शन’’ में यह सुनिश्चित किया जाए की एक बार अतिक्रमण हटाए जाने के पश्चात पुनः खोखे, गुमटी व अन्य अतिक्रमण न होने पर इस संबंध में निकाय के अधिशासी अधिकारी द्वारा पहल किया जाए जो मार्ग के रख-रखाव के लिए उत्तरदायी है।

-सड़क पर अतिक्रमण करने वाले व्यक्तियों के विरुद्ध विभिन्न अधिनियमों के अंतर्गत समस्त निकायों द्वारा नियमानुसार ‘‘प्रति दिवस’’ की दर से अर्थ दंड लगाया जाए।

-नगर के चैराहों से 50 मीटर के ‘‘रेडियल डिस्टेंस’’ पर आसपास कोई अतिक्रमण न होने दिया जाए ताकि ट्रैफिक का ‘‘स्मूथ फ्लो’’ बना रहें।

-निकायों में जितना भी अवैध अतिक्रमण को हटाया जायेगा, उसपर पुनः अतिक्रमण न हो इसके लिए अधिशासी अधिकारी अपने निकाय क्षेत्र के पुलिस थाना से सहयोग लेकर आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करेंगे।

-जनपद के समस्त अधिशासी अधिकारी को निर्देशित किया गया है कि यदि अवैध अतिक्रमणधारियों द्वारा स्वयं अवैध अतिक्रमण को नही हटाया जाता है तो निकाय द्वारा उस अवैध अतिक्रमण को हटाते हुए शासन के अवैध अतिक्रमण हेतु जो दंड की व्यवस्था निर्धारित की गयी है, उसके अनुसार कार्यवाही की जायेगी, जिसके लिए विभिन्न धाराओं में 01 वर्ष से 05 वर्ष तक की कारावास के साथ-साथ अर्थदण्ड का भी प्रावधान है

दंड का है निम्नवत प्राविधान 

(क) धारा 3 लोक संपत्ति क्षति निवारण-1984 के अंतर्गत 5 वर्ष का कारावास एवं अर्थदंड।

(ख) धारा 447 भारतीय दंड विधान के अंतर्गत 3 माह का कारावास एवं ₹ 500.00 का अर्थदंड। 

(ग) धारा 177 के अंतर्गत प्रथम गलती व अपराध पर ₹ 100.00 एवं दोबारा गलती पर  300.00 अर्थदंड। 

(घ) धारा 210 नगर पालिका अधिनियम के अंतर्गत ₹ 1000.00 का अर्थदंड। 

(ड़) धारा 26 को उत्तर प्रदेश योजना एवं विकास अधिनियम-1997 के अंतर्गत 1 वर्ष का कारावास एवं ₹ 20000.00 का अर्थदंड।

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