
शशिकांत ओझा
बलिया : आयुष्मान भारत-हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर 15 मई से 21 दिवसीय विशेष क्षय रोगी खोज अभियान चलाया गया। इस अभियान मे 26 नये टीबी के मरीज खोजे गये। सभी मरीज़ों का इलाज शुरू कर दिया गया है।

उक्त जानकारी देते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. जयंत कुमार ने बताया कि इस अभियान के दौरान 2.80 लाख लोगों की स्क्रीनिंग की गई। इसमें 656 लोग संभावित लक्षण वाले पाए गए। सभी का बलगम एकत्रित कर जांच के लिए भेजा गया। जिसमे 26 क्षय रोगियों की पुष्टि हुई। बताया कि जनपद को टीबी से मुक्त कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग पूरे प्रयासों से जुटा हुआ है।

इस बीमारी के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए सामाजिक संगठन भी आगे आ रहे हैं। बताया कि जनपद में बलगम जांच 29 केंद्रों (टीबी यूनिट) पर की जाती है तथा सीबी नाट जांच की सुविधा जिला क्षय रोग केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिकंदरपुर और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सीयर पर उपलब्ध है।

छह माह लगातार इलाज से ठीक हो जाती है बीमारी
जिला क्षय रोग अधिकारी डा. आनंद कुमार ने बताया कि यदि टीबी की पहचान शुरुआती दिनों में हो जाए तो मरीज छह माह के लगातार इलाज से यह बीमारी ठीक हो जाती है। टीबी का इलाज अधूरा छोड़ने पर बढ़ जाता है और कुछ समय बाद यह मल्टीड्रग रेजिस्टेंट (एमडीआर) टीबी के रूप में सामने आता है जो कि बेहद गंभीरजनक है। वर्तमान में जनपद में एमडीआर के लगभग 90 मरीज हैं जिनका इलाज चल रहा है।

यह है बलिया जनपद का टीबी संबंधित डेटा
जिला कार्यक्रम समन्वयक आशीष सिंह ने माने तो जिले में इस समय 3267 टीबी मरीजों का इलाज चल रहा है जिसमें से 90 एमडीआर टीबी के रोगी हैं। जनवरी 2022 से अब तक कुल 8336 टीबी रोगी नोटिफाई किये जा चुके हैं। वर्ष 2018 से अभी तक निक्षय पोषण योजना में 15697 क्षय रोगियों को करीब 3.88 करोड़ रुपए का भुगतान डीबीटी के जरिये किया जा चुका है।