

-गंगा बहुद्देश्यीय सभागार में आयोजन
-समाजवादी पार्टी के गाजीपुर सांसद अफजाल अंसारी रहे मुख्य अतिथि


शशिकांत ओझा
बलिया : गंगा बहुउद्देशीय सभागार में नेताजी मुलायम सिंह यादव की जयंती के क्रम में विराट कवि सम्मेलन का आयोजन सम्पन्न हुआ। कवि सम्मेलन में देश के विभिन्न क्षेत्रों से आये प्रख्यात कवियों ने काव्य पाठ कर समां बांध दिया। कवि सम्मेलन का आयोजन पूर्व मंत्री अंबिका चौधरी ने किया। कवि सम्मेलन के मुख्य अतिथि सांसद गाजीपुर अफजाल अंसारी रहे।

कवि सम्मेलन में कवियत्री सबीना अदीब ने “जाने क्यों उसके बंदे अलग हो गये, ईश्वर भी वहीं है, खुदा भी वही” तथा “खामोश लव हैं, झुकी हैं पलकें, दिलों में उल्फत नई-नई है” सुनाकर खूब वाहवाही लूटीं। कवि अज्म शाकिरी ने “मैं उदासी के मौसम में भी, अपने दिल के खयाबान से, गांव की तितलियों के लिए, फूल चुन-चुन के लाता रहा” एवं “रातभर सो में भींगकर, चांद को ऐसी सर्दी लगी, सारा दिन धूप में बैठकर, अपने कपड़े सुखाता रहा” आदि पर दर्शकों की खूब तालियां बजीं।

कवि शम्भू शिखर की प्रस्तुति पर लोगों ने जमकर ठहाके लगाते। अपनी ख्याति के अनुसार शंभु शिखर ने राजनीति पर भी व्यंग कर लोगों को ताली बजाने के लिए विवश किया।

कवियत्री सरिता शर्मा ने “इस शाम को रंगीन बना लें इतना, कि कोई कोना न बचे रौंग के स्याही से” पर खूब तालियां बजीं।

कवि नीलोत्पल मृणाल ने “मुट्ठी भर लें के हम जमीन, चल देंगे एक दिन आसमान में” पर खूब तालियां बजवायीं। इसके साथ ही अन्य कवियों ने अपने काव्य पाठ से सभागार में मौजूद दर्शकों को विभिन्न रसों से सराबोर कर दिया। इससे पूर्व मुख्य अतिथि गाजीपुर सांसद अफजाल अंसारी, पूर्व नेता प्रतिपक्ष राम गोविन्द चौधरी, विधायक मोहम्मद रिजवी सहित विशिष्ट अतिथियों एवं कवि, कवियित्रियों ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया।

बलिया तो मेरा अंग है मेरा हिस्सा है, यहां हमारा ननिहाल है : अफजाल
बलिया : “यहां के फूल में जो ताजगी है रौनक है, किसी चमन के मुकद्दर में आ नहीं सकती, ये सरजमीं है बहादुर सरपरस्तों की, यहां के खाक को हर खाक पा नहीं सकती”। उक्त पंक्तियों के साथ गाजीपुर के सांसद अफजाल अंसारी ने बागी बलिया के धरती के सलाम किया। मौका था बलिया के गंगा बहुउद्देशीय सभागार में धरती पुत्र जैसे उपनामों से विभूषित पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की जयंती के मौके पर आयोजित कवि सम्मेलन व मुशायरे का। जिसमें गाजीपुर सांसद बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करने आये थे। सांसद अफजाल अंसारी ने बलिया से अपने रिश्तों को बयां करते हुए कहा कि बलिया से हमारा गहरा नाता है। बलिया तो मेरा अंग है, हिस्सा है, मेरा ननिहाल बलिया है। मेरी मां बलिया के सिकन्दरपुर क्षेत्र अंतर्गत मासूमपुर गांव की थीं। गाजीपुर सांसद ने कहा कि मैं बलिया से सांसद का चुनाव भी लड़ चुका हूं। कहा कि जब शिक्षा पूरी करने के बाद हमने समाजसेवा में दिलचस्पी लेना शुरू किया तो उन दिनों के साथियों का भी चेहरा मैं यहां देख रहा हूं। कहा कि बागी बलिया की धरती की महत्ता को बयां करने के लिए शब्द कम पड़ जाते हैं।