-व्यापक बदलाव की आशंका
-कुछ थाना प्रभारियों और कुछ थानाध्यक्षों का गिर सकता है विकेट
-कुछ को मिलेगा पुलिस व्यवस्था को दुरुस्त करने का बेहतर मौका
शशिकांत ओझा
बलिया : इतिहास गवाह है कि जब सत्ता का परिवर्तन होता है तो संबंधितों का फेरबदल होता ही है। मामला चाहे प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री स्तर का हो या राजनीतिक दलों के प्रदेश व जिलाध्यक्ष का। चाहे मामला जनपद की सुरक्षा व्यवस्था का जिम्मा अपने कंधों पर रखने वाले पुलिस अधीक्षक का। बलिया जनपद में भी पुलिस अधीक्षक का तबादला हुआ नए पुलिस अधीक्षक ने पदभार संभाल लिया है। अब सुगबुगाहट व्यापक तबादले की होने लगी है। कुछ कख विकेट गिरना और कुछ को तोहफा मिलना लाजिमी है। कुछ थाना प्रभारी और थानाध्यक्ष तो शासन सत्ता तक अपनी जुगत लगाने में जुट गए हैं।
बलिया में पुलिस अधीक्षक रहे राज करन नय्यर का तबादला शासन ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अयोध्या के पद पर किया और बलिया की जिम्मेदारी पुलिस अधीक्षक एस आनंद को दिया गया। पुलिस अधीक्षक ने अपने बेहद उत्कृष्ट अंदाज में बलिया में अपनी पारी शुरू की। अब धीरे-धीरे थाना प्रभारी और थानाध्यक्षों में इस बात की सुगबुगाहट होने लगी है कि नए साहब अब व्यापक तबादला करेंगे। ऐसे में कुछ को आशंका इस बात की है कि उनके कृत्य जनपद भर में चुकि फैल गए हैं इसलिए उनका विकेट गिरना ही है। यही सोच कुछ लोग तो शासन सत्ता में जुगत लगाने की प्रक्रिया में जुट गए हैं। कुछ ईमानदार थाना प्रभारी और थानाध्यक्ष स्तर के अधिकारियों को लगता है कि उन्हें भी जनपद की सुरक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने का एक मौका मिलेगा। हालांकि अभी देखना यह है की बलिया में थाना प्रभारी और थानाध्यक्षों का व्यापक तबादले की सूची पुलिस अधीक्षक कार्यालय से कब जारी होती है। जनपद घर में इसकी सुगबुगाहट है और थानों की कमान संभाले अधिकारियों के चेहरे पर इस चिंता की की लकीरें भी सामान्यता दिखने लगी हैं।