-अमृत भारत स्टेशन योजना
-भारतीय रेल की दीर्घकालिक सोच के अंतर्गत किया जा रहा पुनर्निर्माण का कार्य
शशिकांत ओझा
बलिया : अमृत भारत स्टेशन योजना’ के अन्तर्गत आगामी 50 वर्षों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर भारतीय रेल के प्रमुख स्टेशनों का पुनर्विकास, पुनर्निर्माण किया जा रहा है। इसी क्रम में बलिया रेलवे स्टेशन को 40.47.करोड़ रुपये लगाकर दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है।
अमृत भारत स्टेशन योजना के अंतर्गत बलिया को रू. 40.47 करोड़ की लागत से पुनविकर्सित किया जा रहा है। अमृत भारत योजना के अन्तर्गत बलिया रेलवे पर रु 40.47 करोड़ की लागत से स्टेशन पर किये जा रहे उन्नयन एवं सुधार कार्यो में स्टेशन भवन का विस्तार, स्टेशन भवन के फसाड (मुखड़े) का सुन्दरीकरण के साथ सुधार कार्य, वीआईपी कक्ष में सुधार के आधुनिकीकरण एवं एसी लाउंज का निर्माण कार्य 85% पूर्ण हो गया है। प्लेटफार्म सं. 04 के लिए रिटेनिंग वॉल(250 मी) में से (132 मी) का कार्य पूर्ण हो गया है। सर्कुलेटिंग एरिया की दिशा में (450 मीटर) की चारदीवारी में से (200 मीटर) का निर्माण पूर्ण हुआ है। प्लेटफार्मों पर 8 बे पीपी शेल्टर के प्रावधान के साथ 95 % का निर्माण पूरा हो गया, शीटिंग प्रगति पर है। इसके अतिरिक्त ट्रैफिक सर्कुलेशन में सुधार और सर्कुलेटिंग एरिया (2420 वर्ग मीटर) का सौंदर्यीकरण कार्य, स्टेशन के मुख्य प्रवेश द्वार पर 40 मीटर विस्तार का प्रावधान कार्य, 10 वर्ग मीटर में दिव्यांगजन सुविधाओं वाले शौचालयों का प्रावधान का कार्य, स्टेशन के अग्रभाग एवं उन्नयन कार्यों में सुधार, 96 वर्ग मीटर में एसी वेटिंग हॉल के निर्माण का कार्य, 60 वर्गमीटर में नये (पुरुष /महिला एवं दिव्यांगजन) शौचालय ब्लॉक का निर्माण,1800 वर्ग मीटर के पार्किंग क्षेत्र का निर्माण कर उसमें टू व्हीलर,थ्री व्हीलर एवं फोर व्हीलर पार्किंग का प्रावधान का कार्य, लिफ्ट और एस्केलेटर के साथ 12 मीटर चौड़े फुट ओवर ब्रिज का निर्माण कार्य, 2280 वर्गमीटर प्लेटफार्म शेल्टरों का प्रावधान, स्टेशन पर अन्तर्राष्ट्रीय मानक के अनुरूप बेहतर साइनेज, लिफ्ट और एस्केलेटर का प्रावधान कर आसान नेविगेशन के माध्यम से यात्री अनुभव को बढ़ाने सहित विभिन्न निर्माण कार्य प्रगति पर है। उपरोक्त कार्यो के पूर्ण हो जाने पर बलिया रेलवे स्टेशन पर रेल यात्रियों एवं उपयोगकर्ताओं को जहाँ एक ओर उन्नत एवं आधुनिक यात्री सुख-सुविधाओं का लाभ मिलेगा वही दूसरी ओर रेल परिसर में प्रवेश करते ही उन्हें सुखद अनुभूति भी मिलेगी।