
-मामला बड़ौदा यूपी बैंक का
-शाखा प्रबंधक ने खुद अपने तत्कालीन शाखा प्रबंधकों पर दर्ज कराया मामला
शशिकांत ओझा
बलिया : बड़ौदा यूपी बैंक रुद्रपुर गायघाट के शाखा प्रबंधक संतोष कुमार सिंह ने तत्कालीन शाखा प्रबंधक काशी प्रसाद, वीके चौधरी, वीएन सिंह व सहायक प्रबंधक जागेश गुप्ता के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया है। मामला मृत किसान के नाम पर कूटरचित दस्तावेज के सहारे अवैध तरीके से 60500 रुपये का ऋण देने का है। मुकदमा दर्ज कर पुलिस जांच-पड़ताल में जुटी है।

बड़ौदा यूपी बैंक की शाखा रुद्रपुर गायघाट के प्रबंधक ने तहरीर दी थी कि शुक्ल छपरा निवासी शैलेंद्र कुमार शुक्ल पुत्र स्व. जयकृष्ण को 13 दिसम्बर 2016 को शाखा रुद्रपुर गायघाट द्वारा रुपए 60,500/- का KCC ऋण खाता संख्या 75070904494 पर स्वीकृत किया गया। साथ ही 03 सितम्बर 2016 को शैलेन्द्र कुमार का बचत खाता सं. 75068420555 बड़ौदा यूपी बैंक की शाखा हल्दी में खोला गया। ऋणग्राही द्वारा ऋण अदायगी नहीं किए जाने की स्थिति में ऋण खाता 31 मार्च 2022 को एनपीए श्रेणी में वर्गीकृत हो गया। तत्समय ऋण खाते में रुपए 65,751/- ब्याज बकाया हो गया। ऋण वसूली के लिए शाखा द्वारा ऋणी को लोक अदालत की नोटिस प्रेषित की गई, जिसके क्रम में ऋणी के पुत्र राघवेन्द्र शुक्ल द्वारा लोक अदालत के माध्यम से समझौते में भाग लेते हुए रुपए 20,000/- जमा किया गया एवं शेष धनराशि जमा करने हेतु समय की मांग की गई।

ऋणी के पुत्र राघवेन्द्र शुक्ल द्वारा बकाया धनराशि जमा करने से पहले ऋण पत्रावली के मुआयने के पश्चात् सूचित किया गया कि ऋण पत्रावली में दर्ज फोटो एवं अन्य दस्तावेज (आधार कार्ड एवं मतदाता पहचान पत्र) उनके पिता के नहीं है। रघुवेंद्र शुक्ल द्वारा यह भी बताया गया कि उनके पिता की मृत्यु 26 मार्च 2003 को हो चुकी है, जबकि KCC ऋण 13 दिसम्बर 2016 को स्वीकृत किया गया। बड़ौदा यूपी बैंक की शाखा हल्दी में बचत खाता खुलने के समय तत्कालीन शाखा प्रबंधक काशी प्रसाद एवं सहायक प्रबंधक जागेश गुप्ता थे। शाखा प्रबंधक एवं सहायक प्रबंधक शाखा हल्दी वर्तमान समय में सेवानिवृत हो चुके है। वहीं, ऋण स्वीकरण/वितरण के समय शाखा प्रबंधक रुद्रपुर गायघाट वीके चौधरी थे। ऋण खाते का रिवाइवल 29 नवम्बर 2019 को हुआ है। रिवाइवल के समय शाखा प्रबंधक रुद्रपुर गायघाट बीएन सिंह थे, जो वर्तमान समय में सेवा निवृत हो चुके है। बड़ौदा यूपी बैंक की शाखा रुद्रपुर गायघाट से कूटरचित दस्तावेज प्रस्तुत करते हुए अवैध तरीके से रुपए 60,500/- का ऋण प्राप्त कर लिया गया है। शाखा प्रबंधक ने उक्त मामले में अपने पूर्ववर्तियों पर तहरीर देकर मामला दर्ज कराया है.