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उत्तर प्रदेश देश पूर्वांचल बलिया राज्य

गायत्री माता को बलिया में लाने के लिए भगीरथ बने विजेंद्र नाथ चौबे

-किया भगीरथ प्रयास

-विजेंद्र नाथ चौबे के संकल्प और प्रयास से महाबीर घाट बलिया में बना जूनियर शांति कुंज

-गायत्री माता प्राण प्रतिष्ठा का वार्षिकोत्सव एक जनवरी से होगा, अटूट तैयारी है जारी

विजेंद्र नाथ चौबे

शशिकांत ओझा

बलिया : जिस तरह ब्रह्मा के कमंडल में विराजमान मां गंगा को जनकल्याण के लिए धरती पर लाने का प्रयास भगीरथ ने किया उसी प्रकार वेदमाता गायत्री को स्वर्ग से धरती पर लाने का प्रयास श्रीराम शर्मा आचार्य ने किया। स्वर्ग से धरती पर आ गायत्री माता अब युग चेतना हो गई हैं। यह सर्व विदित है। जिस तरह धरती पर गायत्री माता को धरती पर लाने का प्रयास श्रीराम शर्मा जी का रहा उसी तरह का प्रयास बलिया जनपद में लाने का प्रयास विजेंद्र नाथ चौबे जी है।

हम बात कर रहे हैं उस मनीषी की जिसने बैंक की सेवा करते हुए ही माता गायत्री के लिए अपना सबकुछ न्योछावर करने का संकल्प लिया। सेवानिवृत्ति के बाद दिन रात माता जी के लिए प्रयास करने लगे। अथक प्रयास के बाद बलिया में वेद माता गायत्री के स्थापित होने और स्थापित होने की संभावना बनने लगी। शहर के किनारे महावीर घाट पर माता रानी के लिए जमीन तैयार हुई। वहां गंगा माता का आगमन बहुत जोर पर था फिर भी चौबे जी ने वहां गायत्री शक्तिपीठ बनाना शुरू किया। धीरे धीरे वहां शक्तिपीठ स्थापित हुआ। निर्माण कार्य की संरचना बनती गई और माता गायत्री का मंदिर और प्रतिमा भी 2019 में तैयार और स्थापित हुई। एक जनवरी को उसी प्रतिमा प्राण प्रतिष्ठा का वार्षिकोत्सव है। विजेंद्र नाथ चौबे का संकल्प और तपस्या से आज महाबीर घाट बलिया मार्ग का गायत्री शक्तिपीठ जूनियर शांति कुंज बन चुका है। वहां परिसर में आने के बाद लगता है आदमी अचानक हरिद्वार पहुंच गया। निश्चित ही यह शक्तिपीठ प्रभारी विजेंद्र नाथ चौबे की मेहनत, संकल्प और तपस्या का फल है। आज पूरा बलिया विजेंद्र नाथ चौबे को बलिया का भगीरथ मानने लगे हैं। लोग कहते हैं कि भगीरथ गंगा को धरती पर लाए और विजेंद्र चौबे (भगवन) गायत्री माता को बलिया में।

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