-राजनीति का चक्रमण
-बलिया से विधायक दयाशंकर सिंह और मऊ के एमएलसी एके शर्मा हैं संगठन और सरकार दोनों में
-प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद मंत्री पद से भूपेंद्र सिंह चौधरी के इस्तीफा देना चर्चा की वजह
बलिया : भारतीय जनता पार्टी में शुरू से एक व्यक्ति एक पद का सिद्धांतचलता है और फार्मूला लागू होता है। वर्तमान समय में पार्टी का यह सिद्धांत सी आजमगढ़ मंडल पर खतरा बन कर ख सकता है। कारण इसी मंडल के दो वरिष्ठ नेता पार्टी के इस सिद्धांत की कसौटी पर खरे नहीं उतर रहे हैं। देखना रोचक है कि मऊ के एके शर्मा और बलिया के दयाशंकर सिंह को लेकर भाजपा कौन सा तरीका निकालती है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अति करीबी नौकरशाह रहे एके शर्मा विधान परिषद सदस्य बनाया गया। योगी सरकार 2 में उन्हें मंत्री बनाया गया। योगी सरकार 1 में मंत्री रहीं स्वाति सिंह के पति दयाशंकर सिंह को विधानसभा चुनाव में टिकट मिला और वे निर्वाचित भी हुए। योगी सरकार 2 में उन्हें भी राज्य मंत्री बनाया गया। सरकार में शामिल दोनों नेता भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष का पद भी संभाल रहे हैं। ऐसे में दोनों लोग एक व्यक्ति एक सिद्धांत के फार्मूले पर खरा नहीं उतर रहे हैं। योगी सरकार 2 में पंचायती मंत्री रहे भूपेंद्र सिंह चौधरी भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बने तो उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। ऐसे में पार्टी और पब्लिक में यह चर्चा का विषय है। देखना रोचक है कि पार्टी और सरकार इन दोनों बड़ी शक्सियत के लिए कौन सा रास्ता निकालती है। एक व्यक्ति एक पद या कुछ और। इन्हें सरकार से अलग करती है या संगठन से।