-बोले अंबिका चौधरी
-कहा 69000 शिक्षकों की की भर्ती में सरकार की आरक्षण विरोधी मंशा का हुआ खुलासा
-किया मांग संविधान की मंशा के अनुरूप पिछड़ों, अनुसूचितों को मिले उनका हक
शशिकांत ओझा
बलिया : विगत लोकसभा के चुनाव मे इंडिया गठबंधन के सहयोगियों ने और विशेषकर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा की संविधान विरोधी नीतियों का स्पष्ट उल्लेख किया था। कहा था कि भाजपा पिछड़ो, दलितों और जनजातियों को प्राप्त आरक्षण के संवैधानिक अधिकार को समाप्त करना चाहती है। 69000 शिक्षकों की भर्ती के संबंध मे उच्च न्यायालय के निर्णय ने इसकी पुष्टि की है। उच्च न्यायालय ने आरक्षण के प्रावधानों का पालन करते हुए नयी सूची बनाने का निर्देश दिया है। सरकार की मंशा इसका अनुपालन ईमानदारी से किये जाने की नही जान पड़ती है। उक्त बातें समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री अंबिका चौधरी ने कहीं। कहा हम मांग करते है कि शिक्षक भर्ती या अन्य सभी सरकारी नौकरियों में संविधान की मंशा के अनुरूप आरक्षण के नियम का पालन करते हुए अन्य पिछड़े वर्ग, अनुसुचित जाति एवं जनजाति के लोगों को उनका हक दिया जाय।
श्री चौधरी ने कहा पूरे जनपद मे बिजली की समस्या लोगों को परेशान कर रही है। सरकारी दावों के अनुरूप शहरी और ग्रामींण क्षेत्र में बिजली की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। मेरे प्रयास से समाजवादी पार्टी की सरकार मे चितबड़ागाँव मे 132/33 का बड़ा पावरहाऊस स्थापित किया गया था। जहाँ से 33/11 की बिजली आपूर्ति की व्यवस्था है। थोड़े दिनो तक बसंतपुर विद्युत केंन्द्र से जुड़े 30 गाँवो को विद्युत आपूर्ति इस पावरहाऊस से जोड़कर की गयी। लेकिन विभाग की लापरवाही के कारण इस क्षेत्र के लोगो को भारी बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है। जले हुए ट्रांसफॉर्मरों को बदलने मे एक-एक महीने का समय लग रहा है। कहा प्रदेश के नौजवानों के सम्मुख बेरोजगारी की समस्या दैत्य की तरह मुँह बाये खड़ी है। डबल इंजन की सरकार रोजगार देने के सवाल पर गाल बजाने के अलावा कुछ नही कर रही है। उद्योगविहीन बलिया जनपद में यह समस्या और विकराल है। बार-बार जनपद में उद्योग लगाने व रोजगार के अवसर बढ़ाने की फर्जी घोषणाएं हुई है किन्तु अब तक इस दिशा मे प्रयास और परिणाम दोनो शून्य है। कहा जल जीवन मिशन के अन्तर्गत पूरे जनपद मे तमाम सड़को को खोदकर यूं ही छोड़ दिया गया है। अनेक गाँव के सम्पर्क मार्ग पूरी तरह बाधित है। लोगों का आना-जाना मुहाल है साथ ही जो पाईप बिछाये जा रहे है उनकी साईज और गुणवत्ता मानक के अनुरूप नहीं है। यह योजना भी सरकारी धन के लूट के अलावा कागजी बनकर रह जायेंगी। श्री चौधरी ने नरही वसुली कांड का पुलिस प्रशासन के बड़े अधिकारियों द्वारा छापेमारी कर इतना हल्ला मचाया गया मानों पुलिस विभाग से भ्रष्टाचार समाप्त हो जायेगा और हर दोषी के खिलाफ कार्यवाही होगी किन्तु छापेमारी के दिन और उसके तत्काल बाद आरोपी थानेदार और कुछ पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार करने के अलावा जिन छोटे- छोटे गरीब श्रमिकों को गिरफ्तार किया गया। उन्हें ऐसे पेश किया गया जैसे वें ही असली अपराधी हैं जबकि असली अपराधी जो इस लूट के संरक्षक थे जांच और कार्यवाही की परिधि से बाहर हैं। जब तक इस कांड में शामिल बड़ी मछलियों पर कार्यवाही नही होगी तब तक ऐसी लूट की पुनरावृत्ति रोकना सम्भव नही है।
चितबड़ागाँव मे टोंस नदी पर बना सड़क पुल बिल्कुल जर्जर हो गया है उस पर आवागमन अत्यन्त खतरनाक है। जिस प्रकार के भारी वाहन इस पुल से हजारों की संख्या मे गुजर रहें है यह पुल कभी भी दुर्घटना का शिकार हो सकता है। लगता है जिम्मेदार लोग किसी बड़ी दुर्घटना की प्रतीक्षा कर रहे हैं। कहा फेफना रेलवे स्टेशन पर एक्सप्रेस ट्रेनों के ठहराव व अन्य सुविधाओ की मांग के साथ क्षेत्रीय संघर्ष समिति द्वारा लगभग एक माह से धरना दिया जा रहा है। विगत एक सप्ताह से क्रमिक अनशन भी चल रहा है। लेकिन रेल महकमे के जिम्मेदार अधिकारी कानों मे तेल डाले पड़े हैं। जनता की जायज मांगो को पूरा करने के लिए उन्हें फुर्सत नही है। सरकार के नुमाइंदे और जनप्रतिनिधि जनहित की इन मांगो के प्रति अपने प्रभाव का प्रयोग मांगो को पूरा कराने की बजाय दिखावटी हमदर्दी दिखाकर कोरम पूरा कर रहे हैं। कहा लोक सभा में वांछित परिणाम नही मिलने के कारण भाजपा की प्रदेश सरकार सपा कार्यकर्ताओं के उत्पीड़न के लिए सरकारी ऐजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। उन्हें झूठे मुकदमों मे फंसाया जा रहा है। पुलिस अपने आकाओं के कहने पर और उन्हें खुश करने के लिए सपा कार्यकर्ताओं के उत्पीड़न का रिकार्ड कायम करने पर तुली है। कहा समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बार-बार सरकार को और इसके अधिकारियों को आगाह किया है कि उत्पीड़न की ऐसी फर्जी कार्यवाही को तत्काल बंद किया जाये। अन्यथा सड़क पर उतरकर आन्दोलन करने के आलावा समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओ के सम्मुख कोई विकल्प नही बचेगा।
न्याय और न्यायालय में आस्था नहीं सरकार का
अंबिका चौधरी ने कहा उत्तर प्रदेश सरकार की बुल्डोजर की कार्रवाई यह बताने के लिए पर्याप्त है कि सरकार को न्याय और न्यायालय में आस्था और विश्वास नहीं है। इसलिए सरकार खुद फैसले लेने लग रही है। सरकार को न्यायालय के आदेश से पूर्व बुल्डोजर चलाने का अधिकार नहीं है।