-बोले समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव
-कहा घातक है लोकतंत्र के लिए स्थिति, डबल इंजन सरकार से मुक्ति जरूरी
शशिकांत ओझा
बलिया : समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव और उत्तर प्रदेश के पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने कहा है कि देश को शर्मसार करने वाली घटनाओं में भी डबल इंजन की सरकार का रवैया देश और लोकतंत्र के हित में नहीं है। इसमें बदलाव नहीं आया तो आम आदमी का कानून व्यवस्था से विश्वास उठ जाएगा और जो स्थिति आज मणिपुर की है, वह चारों तरफ पैदा हो जाएगी। कहा है कि किसी भी सरकार का पहला दायित्व है कि वह किसी भी शर्त पर कानून व्यवस्था की स्थिति बहाल रख्खे लेकिन यह सरकारें तो सीधे सीधे कानून व्यवस्था को तार तार करने वालों को ही संरक्षित करती नज़र आ रही है।
शुक्रवार को अपने आवास पर जुटे समाजवादी साथियों और पत्रकारों से बातचीत में श्री चौधरी ने कहा कि कानून व्यवस्था फेल होने की वजह से महीनों से अराजकता की आग में जल रहे मणिपुर में लोग त्राहि त्राहि कर रहे हैं। केवल सुप्रीमकोर्ट नहीं, मणिपुर की शर्मसार स्थिति को लेकर पूरी दुनियां चिंतित है लेकिन प्रधानमंत्री अपने भाषण में शांति का सूरज उगा रहे हैं। उन्होंने अभी तक वहां जाना भी उचित नहीं समझा। स्थिति बेकाबू होने के बाद गृहमंत्री वहां गए जरूर लेकिन उनके जाने के बाद भी वहां की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ।
कहा है कि पीड़ित पक्ष की माने तो वहां की सरकार दंगाइयों के साथ खड़ी है। इसके लिए उदाहरण दिया जा रहा है कि जिन दो महिलाओं के परिजनों की हत्या के सामूहिक रेप कर सड़क पर निर्वस्त्र घुमाया गया, उन्हें पुलिस ने ही भीड़ के हवाले किया था। श्री चौधरी ने कहा है कि मेवात (हरियाणा) के मामले में भी जिन लोगों ने साम्प्रदायिक हिंसा की स्थिति पैदा की, सरकार उनके खिलाफ कार्रवाई करने की जगह गरीब लोगों का ठेला हटा रही है। गरीबों के घरों पर बुल्डोजर चला कर बेघर कर रही हैं।
वहां आस पास के गांवों में एक वर्ग के दुकानदारों को नहीं घुसने की चेतावनी दी जा रही है और सरकार मूक दर्शक बनी हुई है। धरातल पर सरकार संरक्षित माफियाओं का राज कायम है। गरीब, कमजोर, अतिपिछड़ा, पिछड़ा, दलित, मुसलमान इनके डर से इंसाफ की बात भी नहीं कर पा रहा है। कोई पत्रकार इनकी बात उठा देता है तो उसे भी जेल भेज दिया जाता है। उन्होंने कहा है कि यह स्थिति देश और लोकतंत्र के लिए घातक है। इसलिए डबल इंजन की इन सरकारों से मुक्ति जरूरी है।