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राष्ट्रीय डेंगू दिवस पर जनपद में आयोजित हुए विविध कार्यक्रम

सीएमओ कार्यालय में गोष्ठी

-सीएचसी सोनवानी में 85 फाइलेरिया हाथीपांव रोगियों को मिली एमएमडीपी किट

शशिकांत ओझा

बलिया : राष्ट्रीय डेंगू दिवस पर मंगलवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) कार्यालय सभागार में गोष्ठी आयोजित हुई। गोष्ठी में अपर सीएमओ डॉ आनन्द कुमार ने बताया कि 16 मई को राष्ट्रीय डेंगू दिवस मनाने के पीछे उद्देश्य है कि लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरूक किया जाए।

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बताया कि इस बार इस दिवस की थीम है डेंगू को हराने के लिए समझदारी का उपयोग करें। उन्होंने बताया कि ठहरे हुए पानी में पैदा होने वाले मच्छर से फैलने वाले डेंगू बुखार को हड्डी तोड़ बुखार भी कहा जाता है। जिला मलेरिया अधिकारी सुनील कुमार यादव ने बताया कि वर्ष 2020 में डेंगू के 20 मरीज मिले थे। वर्ष 2021 में 99 मरीज मिले , वर्ष 2022 में 199 मरीज मिले, वर्ष 2023 में जनवरी से अब तक एक मरीज मिला है। वर्ष 2020 से अब तक डेंगू से किसी की मौत नहीं हुई है। उन्होंने बताया कि डेंगू के प्रमुख लक्षणों में बहुत तेज सिर दर्द, बदन दर्द, हड्डियों, जोड़ो में दर्द के साथ तीव्र बुखार आना, उल्टी मितली आना, खून और प्लेटलेट्स की कमी, नाक या मसूड़ों से खून बहना, खून की उल्टी या मल में खून, उल्टी करने पर रक्तस्राव होना, आंखें लाल हो जाना, थकावट बेचैनी या चिड़चिड़ापन महसूस करना।

समय से जांच व इलाज़ नहीं कराने पर यह जान लेवा हो सकता है। इसके साथ ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सोनवानी में कैम्प आयोजित कर 85 फाइलेरिया (हाथीपांव) रोगियों को प्रशिक्षण दिया गया। इसके साथ ही फाइलेरिया प्रभावित अंगो की रुग्णता प्रबंधन के लिए एमएमडीपी किट प्रदान की गयी। प्रशिक्षण में जिला मलेरिया अधिकारी (डीएमओ) सुनील कुमार यादव ने कहा कि फाइलेरिया मच्छर जनित रोग है। यह मादा क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है। इसे लिम्फोडिमा (हाथी पांव) भी कहा जाता है। यह न सिर्फ व्यक्ति को दिव्यांग बना देती है बल्कि इस वजह से मरीज की मानसिक स्थिति पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। शुरू में डॉक्टर की सलाह पर दवा का सेवन किया जाए तो बीमारी को बढ़ने से रोक सकते है |  इससे बचाव के लिए मच्छरदानी का प्रयोग करें। घर के आस- पास व अंदर साफ-सफाई रखें, पानी जमा न होने दें और समय-समय पर रुके हुए पानी में कीटनाशक, जला हुआ मोबिल, डीजल का छिड़काव करते रहें। उन्होंने बताया कि वर्तमान में जनपद में फाइलेरिया के 3730 मरीज हैं। इसमें हाइड्रोसील के 780 और लिम्फोडीमा के 2950 मरीज हैं। हाइड्रोसील के 780 मरीजों में से 113 मरीजों का सफल ऑपरेशन हो चुका है। लिम्फोडीमा के 2950 मरीजों में से 1681 मरीजों को एमएमडीपी किट वितरित की जा चुकी है।

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