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जीवन में मृत्यु के भय को छुड़ाने वाली कथा है श्रीमद्भागवत : डा. नरेन्द्र तिवारी

-श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ

-भाजपा नेता भोला ओझा के आवास पर शुरू हुई संगीतमय भागवत कथा

-प्रथम दिवस कथा वाचक ने श्रोताओं को सुनाया भागवत कथा की महत्ता

शशिकांत ओझा

बलिया :  श्रीमद्भागवत कथा कोई पुस्तक नहीं ईश्वर का साक्षात रुप है। 18 पुराणों में सबसे श्रेष्ठ है। वेदों का सार और उपनिषदों का सारांश है। भागवत कथा श्री नारायण की वाणी है जो क ई माध्यमों से होकर सुकदेव जी के पास आयी जिसे उन्होंने राजा परीक्षित को सुनाया था। उक्त बातें श्रीमद्भागवत कथावाचक डा. नरेन्द्र तिवारी ने कहीं। संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का शुभारंभ बुधवार को भाजपा नेता भोला ओझा के आवास पर हुआ। भोला ओझा अपने भाइयों संग कथा श्रवण कर रहे हैं।

कथा के प्रथम दिवस कथावाचक डा. नरेंद्र तिवारी ने श्रीमद्भागवत कथा की महत्ता लोगों को बताई। संगीतमय भजन “जग में भागवत से दानी कोई और नहीं है” सुनाकर उन्होंने भागवत कथा के स्वरूप और प्रारुप को बताया। डा. तिवारी ने कहा कि भागवत वेदों का सार है तो उपनिषदों का सारांश है। यह पुस्तक 18 पुराणों में श्रेष्ठ है यह कोई किताब नहीं ईशवर का साक्षात रुप है। कहा भागवत का महत्व सर्वाधिक है। भागवत श्री नारायण की वाणी है। बताया भागवत जीवन और मृत्यु के भय को छुडाने वाली कथा है। जैसे नदियों में गंगा प्रमुख है, पुराणों में भागवत प्रमुख है। कहा श्रीमद्भागवत जीवन मोक्ष और मानव कल्याण के लिए सर्वश्रेष्ठ माध्यम है।