-औषधि निरीक्षक का आदेश
-दवा विक्रेताओं को हर सप्ताह देना होना कोडिन युक्त कफ सीरप का ब्योरा
शशिकांत ओझा
बलिया : कोडीन युक्त कफ सीरप का दुरूपयोग रोकने एवं अवैध बिक्री पर नियंत्रण लगाने के लिए औषधि निरीक्षक श्रीधेश्वर शुक्ल शासन के निर्देश के क्रम में दवा विक्रेताओं पर बड़ा प्रशासनिक डंडा चलाया है।
औषधि निरीक्षक श्रीधेश्वर शुक्ल ने बताया है कि कोडिन युक्त कफ सीरप का दुरुपयोग रोके जाने को लेकर शासन द्वारा दिये गये निर्देश के क्रम में जनपद में संचालित औषधि क्रेता/विक्रेता फर्मों को सूचित किया है कि कोडीन युक्त कफ सीरप में प्रयुक्त कोडीन का उत्पादन अफीम के पौधे से होता है, जिसका दुरूपयोग नशे के रूप में किया जाता है। फेन्सीडीन कफ लिंक्टस, कोडीन फास्फेट एवं क्लोरफेनिरेमाइन मे लिएट के संयोजन से बनी औषधि है, जिसे वर्तमान में भारत सरकार द्वारा प्रतिबन्धित कर दिया गया है। उक्त सीरप प्रतिबन्धित किये जाने के पश्चात विभिन्न निर्माता फर्मों द्वारा कोडीन फास्फेट एवं ट्रिपोलिडीन, हाइड्रोक्लोराईड सेसंयोजन से औषधि (कफ सीरप) का उत्पादन किया जाने लगा है। इसके साथ यह भी अवगत कराया गया है कि उक्त कफ सीरप की आपूर्ति फुटकर औषधि विक्रेता तक बहुत ही कम है। कोडीन युक्त कफ सीरप/लिंक्टस को अवैध रूप से बिहार, झारखण्ड, असम एवं पश्चिम बंगाल तथा बांग्लादेश में भेजा जाना प्रकाश में आया है। बताया कि कोडीन युक्त कफ सीरप का दुरूपयोग रोकने एवं अवैध बिक्री/भण्डारण पर नियंत्रण किये जाने हेतु प्रकरण में सम्यक विचारोपरान्त विभिन्न कार्यवाही किये जाने का निर्णय लिया गया है, जिसके अन्तर्गत प्रदेश के बाहर क्रय प्राप्त किये जा रहे कोडीन युक्त कफ सीरप लिंक्टस की सूचना सम्बन्धित फर्म/व्यक्ति (औषधि विक्रेता/स्टाकिस्ट एण्ड कफ एजेन्ट हास्पिटल आदि) द्वारा जनपद बलिया के औषधि निरीक्षक को साप्ताहिक रूप से प्रत्येक सोमवार को उपलब्ध करानी होगी।