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पूर्व ब्लाक प्रमुख ज्ञानेंद्र राय “गुड्डू” ने दिया परिवहन मंत्री के पिता की अर्थी को कांधा

– दिखाई रिश्तों की आत्मियता

-विधानसभा चुनाव से पहले ही हुई थी इन दोनों राजनेताओं की मित्रता, आज सभी देते नजीर

बलिया : जिले में दो इंसानों का आत्मीय जुड़ाव की नजीर बन चुके नगर विधायक और प्रदेश सरकार के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह और विकासखंड दुबहड़ के पूर्व प्रमुख ज्ञानेंद्र राय गुड्डू के बीच रविवार को बिहार में भी एक और नजीर बन गई। मौका था परिवहन मंत्री के पिता विंध्याचल सिंह के अंतिम यात्रा का। जब परिवहन मंत्री के साथ गुड्डू राय ने अर्थी को कांधा दिया तो सभी दंग रह गए कि आखिर यह है कौन। और जो लोग पहचान रहे थे वह गुड्डू राय की आत्मियता देख दांतों तले उंगली दबाने को विवश हो गए।

सनद रहे कि दयाशंकर सिंह और गुड्डू राय की दोस्ती काफी पुरानी नहीं। विधानसभा चुनाव से की ही है। बलिया नगर विधानसभा क्षेत्र से मंत्री दयाशंकर सिंह का टिकट फाइनल होने के बाद दोनों दिग्गज एक नाव पर सवार हुए। गुड्डू राय के बड़े भाई पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष अनिल राय को समाजवादी पार्टी ने टिकट नहीं दिया। अनिल राय बसपा छोड़ समाजवादी पार्टी में टिकट के आश्वासन पर ही आए थे। अनिल राय के लिए पिछले छह माह से गुड्डू राय पब्लिक में रहे और सभी के दुख-सुख में शामिल हुए। अनिल का टिकट कटने का गुड्डू राय को बहुत कष्ट हुआ और सपा से प्रेम भी समाप्त हो गया। भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह को भी टिकट अंतिम दौर में मिला था उन्हें भी क्षेत्र के वरिष्ठों की जरूरत थी। दयाशंकर सिंह ने गुड्डू राय को न सिर्फ भाजपा में शामिल कराया बल्कि अपना भाई भी बना लिया। दयाशंकर सिंह ने गुड्डू ऋआय को अपना प्रस्तावक बनाते हुए चुनाव की कमान सौंप दी। गुड्डू राय भी दयाशंकर सिंह के साथ ऐसे जुड़े जैसे मानो अनिल राय ही चुनाव लड़ रहे हैं। गुड्डू राय ने सपा से पूर्व मंत्री और उम्मीदवार नारद रात्र के भाई और वरिष्ठ कांग्रेस नेता सियाराम यादव को भाजपा में शामिल कराया। चुनाव परिणाम दयाशंकर सिंह के पक्ष में आया। निर्वाचन के बाद दयाशंकर सिंह ने गुड्डू राय के कंधे पर वैसे ही हाथ रखा जैसे चुनाव में इन्होंने रखा था। उसके बाद तो दोनों की दोस्ती बलिया जिले में नजीर बन गई। 

शनिवार को मंत्री दयाशंकर सिंह के पिता का स्वर्गवास हो गया। गुड्डू राय को सूचना मिली तो वे काफी विचलित हो गए। सुबह वह मंत्री के गांव पहुंचे। वैसे तो बलिया से बहुत शुभेंदु और समर्थक पहुंचे थे पर गुड्डू राय को देख अपरिचित बिहार के और परीचित जिले के लोग दंग रह गए। गुड्डू राय ने मित्र दयाशंकर सिंह के साथ अर्थी को कांधा देकृ मित्र धर्म का अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया। 

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