-अधिकारी का अत्याचार
-अपर कृषि अधिकारी और दो कर्मचारियों की टीम ने फैलाया आतंक
-मुख्यमंत्री, कृषि मंत्री और जिलाधिकारी के नाम का हो रहा प्रयोग
शशिकांत ओझा
बलिया : प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और बलिया के जिलाधिकारी रवींद्र कुमार भले ही प्रदेश और जिले को अपराध मुक्त बनाने में लगे हों पर बलिया में उनके नाम का प्रयोग कर ही वसूली का कार्य जारी है। जिला कृषि अधिकारी खाद बीज के थोक व फुटकर विक्रेताओं पर कयामत बन टूट चुके हैं। विक्रेताओं हाय तौबा-हाय तौबा कर रहे हैं। शासन को उनकी आह सुनाई नहीं दे रही।
शासन के निर्देश के क्रम में वर्ष में दो बार खाद और बीज की दुकानों पर छापेमारी कर खाद और बीज का नमूना संग्रह कर जांच की परंपरा है। जिलाधिकारी द्वारा इस कार्य के लिए टीम भी बनाई जाती है। जिला कृषि अधिकारी उस नमूना संग्रह कार्यक्रम में काफी शिथिल नजर आते हैं पर उनका नमूना संग्रह का फार्मूला खाद व बीज के थोक विक्रेताओं के लिए आफत का कार्य कर रहा है। अपर कृषि अधिकारी और दो कर्मचारियों की टीम इस कार्य में जिला कृषि अधिकारी की सेना के रुप में कार्य कर रहे हैं। तीन सदस्य जनपथ भर में दुकानदारों से नमूना संग्रह के नाम पर वसूली करते हैं। विभागीय अधिकारी व कर्मचारियों द्वारा इसके लिए सीएम, डीएम और कृषि मंत्री के नाम का भी इस्तेमाल किया जाता है। वसूली का विरोध या या अपनी मजबूरी का कारण बता कोई पैसा नहीं देता है तो इनका कहर बरपने लगता है। नमूना लेना, जांच रिपोर्ट अपने मुताबिक करा लाइसेंस तक रद्द कराना इनकी आदत में शुमार हो गया है। खाद बीज के फुटकर व थोक विक्रेता इनके कहर से हाय तौबा-हाय तौबा कर रहे हैं। वह कृषि अधिकारी के इस आतंक से मुक्ति तो चाहते हैं पर उनकी स्थिति उन चूहों जैसी ही कि बिल्ली के गले में घंटी बांधे कौन…….। क्रमशः