
-सड़क जाम से राहत
-प्रमुख सचिव परिवहन ने लिखा सभी जिलाधिकारी गणों को पत्र
-शासन ने जिला प्रशासन को दिया इसके लिए तीन माह का समय

शशिकांत ओझा
बलिया : कोई बीमारी जब महामारी का रुप ले लेती है तो सरकार को उसके लिए गंभीरता से सोचना पड़ता है। उत्तर प्रदेश सरकार ने इसी क्रम में यातायात में महामारी का रूप अख्तियार कर चुके ई-रिक्शा के बाबत भी गंभीरता से सोचना शुरू कर दिया है। ई-रिक्शा को अब मुख्य मार्गों से हटाने की कवायद प्रारंभ हो गयी है। प्रमुख सचिव यातायात ने सभी जिलाधिकारियों को इस बाबत पत्र लिखा है। योजना बनाने के लिए तीन माह का समय निर्धारित किया है। देखना है कि सरकार की इस कवायद से बलिया को ई-रिक्शा जाम से कितनी मुक्ति मिल पाती है। महर्षि भृगु की धरती इस बीमारी से पूरी तरह ग्रस्त है और जकड़ चुका है।


शहरों में जाम और हादसे की वजह बन रहे ई-रिक्शा अब मुख्य मागों से हटाए जाएंगे। प्रमुख सचिव परिवहन व आयुक्त ने जिलाधिकारियों को पत्र भेजकर उन्हें हटाने के निर्देश दिए हैं। मुख्य मार्गों से ई-रिक्शा हटाने से पहले फीडर रूट तय किए जाएंगे। निर्देश के मुताबिक ई-रिक्शा लिंक मार्गों से सवारियों को लेकर मुख्य मार्ग तक आएंगे, लेकिन उस पर चलेंगे नहीं। जिला सड़क सुरक्षा समितियों को सर्वे कराकर फीडर रूट तय करने के निर्देश दिए गए हैं। प्रमुख सचिव परिवहन व आयुक्त एल वेंकटेश्वर लू की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि परिवहन, पुलिस, यातायात, नगर निगम व जिला प्रशासन की टीम संबंधित जिले में सर्वे करे। संयुक्त सर्वे के बाद ई-रिक्शा के लिए फीडर रूट का निर्धारण किया जाए। जिला सड़क सुरक्षा समितियों की हर महीने होने वाली बैठक में इसकी समीक्षा भी की जाए। परिवहन आयुक्त ने मुख्य मार्गो से ई-रिक्शा हटाने व फीडर रूट तय करने के लिए तीन माह का समय वक्त दिया है।