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लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को बचाने हेतु पत्रकारों की मांग का बागी भूमि ने किया सम्मान

-बलिया बंद रहा ऐतिहासिक


-जिला मुख्यालय ही नहीं पूरे जिले में रही ऐतिहासिक बंदी
-कोई जबरदस्ती नहीं फिर भी स्वतः बंदी रही जिले भर में
-डीएम और एसपी के प्रति लोगों में दिखा जबरदस्त गुस्सा
-व्यापारी, छात्र समाज के सहयोग एहसान की सर्वत्र सराहना

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बलिया : आजादी के बाद सरकार के प्रति अपना गुस्सा दिखाने या अपनी बात को प्रभावी ढंग से कहने के लिए शहर को बंद करना पुरानी परंपरा है। परंतु कलमकारों द्वारा अपनाया गया यह तरीका शनिवार को बलिया ही नहीं प्रदेश और देश में एक कीर्तिमान बन गया। चुप्पी साधे सरकार को अब सोचना ही पढ़ेगा। राजनीतिक दल या छात्र समाज द्वारा आयोजित बंदी में भले दुकानदार दबाव या डर में बंद करते थे पर पत्रकारों की सिफारिश को लोगों ने इतना सम्मान दिया यह बहुत ही सराहनीय कदम रहा। पुलिस और जिला प्रशासन बंदी असफल करने का भरपूर प्रयास करता रहा पर उनकी एक न चली

लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को बचाने के लिए संयुक्त पत्रकार संघर्ष मोर्चा बलिया के आह्वान पर नगर से लेकर तहसील, कस्बा और चट्टी तक की सभी दुकानें निर्दोष पत्रकारों के रिहाई की मांग को लेकर शनिवार की सुबह से ही बंद रहीं। इस दौरान व्यापारियों ने अपनी-अपनी दुकानों को बंद कर तानाशाह डीएम व एसपी को पत्रकारों के साथ अपनी ताकत एहसास कराया। पूरे जनपद में एक साथ ऐतिहासिक बंदी से जिला प्रशासन हिल गया। इस दौरान एक-दो स्थानों पर शहर कोतवाल से पत्रकारों व व्यापारियों के साथ हल्की नोक-झोक भी हुई। वहीं पत्रकार व व्यापारी डीएम व एसपी के विरूद्घ डीएम-एसपी हाय-हाय, डीएम-एसपी वापस जाओ-वापस जाओ के नारे लगाते रहे।

संयुक्त पत्रकार संघर्ष मोर्चा द्वारा 16 अप्रैल दिन शनिवार को बलिया बंद का पूर्ण रूप से बंदी को सफल बनाने के लिए शहर से लेकर तहसील, कस्बा व ग्रामीण क्षेत्र के चट्टी चौराहों पर व्यापारियों ने अपने-अपने प्रतिष्ठानों को बंद कर निर्दोष पत्रकारों की रिहाई के समर्थन में अपनी-अपनी प्रतिष्ठानों को बंद कर पत्रकार भाइयों के न्याय दिलाने में पूरा सहयोग प्रदान कर प्रदेश नहीं पूरे देश में इतिहास रच दिया। नगर में शनिवार की सुबह सात बजे से ही नगर, तहसील, कस्बा के विभिन्न व्यापारिक संगठनों, राजनैतिक, सामाजिक संगठनों, पटरी दुकानदारों व शिक्षक संगठन के लोगों ने पूरे नगर का भ्रमण कर व्यापारियों से दुकान बंद करने की अपील करते रहे।

जिसका समर्थन स्वयं दुकानदारों ने अपने प्रतिष्ठानों को बंद कर किया। जिससे बलिया बंदी पूर्ण रूप से सफल रही। बता दे कि जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक के हिटलर शाही रवैया के विरोध में पत्रकारों, व्यापारियों, राजनैतिक, शैक्षणिक, छात्रनेताओं को बलिया बंद को सफल बनाने के लिए अपनी ताकत को झोकना पड़ा। भगवान विष्णु की छाती पर चरण प्रहार करने वाले महर्षि भृगु की बलिया है। अंग्रेजों के खिलाफ पूरे देश मे 1857 की क्रांति का बिगुल फूंकने वाले और बलिदान की शुरुआत करने वाले अमर सेनानी शहीद मंगल पांडेय की बलिया है। आजादी की लड़ाई में 14 दिन पहले आजाद होने वाला ब‌लिया है। ब्रि‌टिश हुकुमत के डीएम को कालर पकड़ हटाकर डीएम की कुर्सी पर बैठने वाले चित्तू पांडेय का बलिया है।

गलत को गलत कहने का हौसला रखने वाले पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की बलिया है। इस बागी बलिया पर जो डीएम व एसपी व्यापारी, छात्रनेता, पत्रकारों से टकराया है, उसे यहां से बेइज्जत होकर जाना पड़ा है। इस मौके पर उप्र प्राशिसं के अध्यक्ष जितेंद्र सिंह, टैक्स बार एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रदीप गुप्ता एडवोकेट, व्यापारी नेता रजनीकांत सिंह, व्यापारी नेता मंजय सिंह, पूर्व चेयरमैन लक्ष्मण गुप्ता, मनोज कुमार राय हंस, जेनेंद्र पांडेय उर्फ मिंटू, रूपेश चौबे, व्यापारी नेता रामकुमार मुन्ना, सागर सिंह राहुल, अरविंंद गोंडवाना, बाल कृष्णमूर्ति, अभिषेक सिंह हैप्पी, सुधीर ओझा, शशिकांत ओझा, करूणा सिंधु सिंह, रणजीत मिश्रा, अखिलानंद तिवारी, मधूसूदन सिंह, दिनेश गुप्ता, रवि सिन्हा, जमाल आलम, आरएस पाठक, आशीफ जैदी, मुशीर जैदी, भोला प्रसाद, संजय तिवारी, अखिलेश यादव, मुकेश मिश्रा, राजू दुबे, अखिलेश सैनी, सन्नी, सनंदन उपाध्याय, विक्की गुप्ता, राजू गुप्ता, जितेंद्र उपाध्याय, एजाज अहमद, रोशन जायसवाल, धनंजय तिवारी, कृष्णकांत पांडेय, हसन खां, कंचन सिंह, विवेक जायसवाल, राजकुमार यादव, रत्नेश सिंह, अमित कुमार, सुनील दादा, रोहित सिंह, आलोक कुमार, चंदन ओझा, श्रवण कुमार पांडेय, संदीप सौरभ सिंह, एनडी राय, अंकित सिंह, पवन सिंह, उमेश मिश्रा, आशीष राय समेत सैकड़ों पत्रकार, अधिवक्ता, व्यापारी, छात्रनेता आदि मौजूद रहे।

शहर में यहां यहां डीएम एसपी को लगा करारा तमाचा

संयुक्त पत्रकार संघर्ष मोर्चा के आह्वान शनिवार को बलिया बंद के दौरान चित्तू पांडेय चौराहा, स्टेशन रोड, शहीद चौक, ओक्डेनगंज चौराहा, आर्यसमाज रोड, सुतरपट्टी रोड, मालगोदाम रोड, इंदू मार्केट, बसुंधरा मार्केट, गुदरी बाजार, लोहापट्टी, जंगेअली मोहल्ला, चमन सिंह बागरोड, पशु अस्पताल रोड, कासिम बाजार रोड, हास्टपीटल रोड, भृगु आश्रम रोड, कदम चौराहा, जापलिनगंज, एलआईसी रोड, विजय सिनेमा रोड, टीडी कालेज चौराहा, कुंवर सिंह चौराहा, मिड्ढी चौराहा, गड़वार रोड, गांधीनगर रोड आदि की दुकानों को व्यापारियों ने बंद रख डीएम व एसपी के तानाशाही मुख पर एक करारा तमाचा मारने जैसी ताकत दिखाई।

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