
शशिकांत ओझा
बलिया : सरकार के बार बार जागरुकता अभियान चलाने के वावजूद भी लोगों के द्वारा गंगा में गंदगी फेकना बंद नहीं हो रहा। इसी कारण भारत सरकार की ड्रीम प्रोजेक्ट नमामि गंगे योजना को जिले का हुकुम छपरा का गंगा घाट मुंह चिढ़ा रहा है। एनएच 31 सड़क के किनारे जिले का चर्चित गंगा घाट जहां पर अंतर्राष्ट्रीय जल मार्ग इ प्रयागराज (इलाहाबाद) से हल्दिया तक के आवागमन करने वाली यात्री व मालवाहक जहाजों के रुकने के लिए अस्थाई प्लेटफार्म, जेटी भी बनाया गया है। जिसका उद्घाटन समारोह भव्य तरीके से आयोजित किया गया था और जेटी का उद्घाटन जिले के सांसद बीरेंद्र सिंह मस्त ने किया था।



आलम यह है कि आज वहां जेटी के अगल बगल व सामने गंगा घाट पर बदबूदार गंदगी का अंबार लगा हुआ हैं। स्नान करने वाले स्नार्थी इधर उधर स्नान कर रहे है। जबकि शासन द्वारा गंगा किनारे घाटों की साफ-सफाई करने हेतु कई संस्थाएं भी बनाई गई है। जिस पर सरकार का काफी पैसा भी खर्च होता रहा है। लेकिन संस्था के लोग यदा कदा साफ सफाई करने की जगह पर केवल फोटो सूट करके प्रचार प्रसार में लगे रहते हैं। जबकि आए दिन इस घाट पर स्नार्थियो सहित मुंडन संस्कार करने वाले हजारों लोगों की भारी संख्या में भीड़ जुटती है। बावजूद इसके घाट के किनारे बदबूदार गंदगी का अंबार लगा हुआ है। आस पास के तटवर्ती इलाकों के लोगों का कहना है कि जब राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त गंगा घाट पर इतना गंदगी है तो अन्य जगहो पर गंगा घाटों पर क्या स्थिति होगी। वही यात्री व मालवाहक जहाजों के रुकने के लिए बने हुए अस्थाई प्लेटफार्म (जेटी) पर स्नान करने वाली महिलाएं कपड़े धोती रहती हैं और स्नान करने वाले स्थानीय बच्चे जेटी पर से कूद कूद कर गंगा स्नान कर रहे है। बच्चों का जेटी से कूदकर स्नान करना खतरे की घंटी है इससे इंकार नहीं किया जा सकता।

