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27वीं पुण्यतिथि पर याद किए गए प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री गौरी शंकर भैया

-श्रद्धांजलि समारोह
-परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह, राज्यसभा सांसद नीरज शेखर ने की पुष्पांजलि
-पूर्व मंत्री उपेंद्र तिवारी, राजधारी, नारद राय ने भी अर्पित की श्रद्धांजलि किया नमन
-पूर्व मंत्री की पत्नी, पुत्रद्वय गोलू और राजा ने की सभी आगंतुकों की आगवानी

शशिकांत ओझा


बलिया : विधान सभा क्षेत्र कोपाचीट (अब फेफना) से लगातार चार बार विधायक रहे स्व गौरी शंकर भैया की 27वीं पुण्यतिथि बुधवार को बड़ी सादगी से मनायी गई। परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह, राज्यसभा सांसद नीरज शेखर, पूर्व मंत्री उपेंद्र तिवारी, राजधारी और नारद राय ने पुष्पांजलि अर्पित कर गौरी शंकर भैया को श्रद्धांजलि अर्पित की। पूर्व मंत्री गौरी शंकर भैया की पत्नी ममता सिंह पुत्रद्वय सिद्धार्थ शंकर सिंह गोलू और रघुराज प्रताप सिंह राजा ने आगंतुक सभी अतिथियों की आगवानी की।

 


सागरपाली प्रतिमा स्थल पर आयोजित कार्यक्रम में प्रतिवर्ष की भांति स्व गौरी भैया की पत्नी ममता सिंह व उनके पुत्र भैया सिद्धार्थ शंकर सिंह ‘गोलू’ व भैया रघुराज प्रताप सिंह ‘राजा’ ने प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर कार्यक्रम की शुरुआत की। श्रद्धांजलि सभा मे जिले से विभिन्न दलों के राजनीतिक व गैर राजनीतिक व्यक्तियों ने पूर्व मंत्री के मूर्ति पर पुष्पांजलि दे अपनी श्रद्धांजलि अर्पित किया। स्व गौरी भैया के को पुष्पांजलि अर्पित करने वालो में परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह, राज्यसभा सांसद नीरज शेखर, पूर्व मंत्री उपेंद्र तिवारी, पूर्व मंत्री राजधारी, पूर्व मंत्री नारद राय, पूर्व मंत्री छट्ठू राम, कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष राघवेन्द्र सिंह, जिलाध्यक्ष भाजपा संजय मिश्र, पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष विनोद शंकर दूबे, पूर्व जिलाध्यक्ष कांग्रेस बृजेश सिंह गाट, टीडी कालेज के पूर्व अध्यक्ष राणा प्रताप सिंह, कुंवर सिंह पूर्व अध्यक्ष बलवंत सिंह, टीडी कालेज पूर्व महामंत्री अम्बरीष ओझा, सुरेन्द्र सिंह, पूर्व जिला पंचायत सदस्य अंजनी सिंह, समर बहादुर सिंह, अदालत सिंह, मुन्ना बहादुर सिंह, बिजली चौधरी, पूर्व अध्यक्ष टीडी कालेज दिनेश प्रताप सिंह, संजय सिंह पूर्व प्रमुख सहित दर्जनों ग्राम प्रधान आदि रहे।

सादगी भरा पूरा जीवन रहा गौरी शंकर भैया का

स्व गौरी शंकर भैया का जन्म 1948 में सागरपाली (आदर्श नगर) में हुआ था। अपनी राजनीतिक जीवन की शुरुआत उन्होंने छात्र राजनीति से किया। 1972 व 73 में दो बार वे श्री मुरलीमनोहर टॉउन डिग्री कालेज के छात्र संघ अध्यक्ष रहे। 1977 में जेपी आंदोलन के समय वे पहली बार कोपाचिट विधान सभा से विधायक चुने गए तथा लगातार चार बार (1989) तक विधायक रहे। 1985 में इंदिरागांधी की मृत्यु के समय उपजी कांग्रेस की सहानुभूति लहर में भी व विधान सभा चुनाव जीतना उनकी लोकप्रियता की खास कहानी है। प्रथम बार मुलायम सिंह यादव की सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे गौरी भैया की असमय मृत्यु 55 वर्ष की अवस्था मे जब 28 मई 1998 को हुआ तो उनके बैंक खाते में केवल 250 रु थे। ईमानदारी से सादगी की प्रतिमूर्ति स्व गौरी भैया पूर्व प्रधान मंत्री चंद्रशेखर के अत्यंत स्नेह भाजन थे।