
-दिखी आस्था की शक्ति
-कहा बेटियों को समाज में सुरक्षित रखने के लिए भी बहुत जरूरी है गायत्री मंत्र का जाप
-इंसान के अंदर जब जागृत होगा देवता तो बेटियां होंगी स्वत: सुरक्षित

शशिकांत ओझा
बलिया : वेद माता गायत्री वह दिव्य शक्ति हैं जो इंसान के अंदर के आंतरिक देवत्व को बड़ी सुगमता से जागृत करतीं हैं जिससे इंसान में विवेक और सदबुद्धि का वास होता है और उसके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आता है। उक्त विचार किसी महापुरुष के नहीं पर जनपद की परिषदीय अध्यापक शक्ति तिवारी के हैं।

कंपोजिट विद्यालय मिड्ढा विकासखंड हनुमानगंज में बतौर अध्यापक सेवा दे रहीं शक्ति तिवारी गायत्री शक्तिपीठ (महावीर घाट गंगा जी मार्ग बलिया) परिसर में गायत्री माता प्रतिमा स्थापना वार्षिकोत्सव की तैयारियों में मनोयोग से अपनी सेवाएं दे रहीं हैं। शक्ति तिवारी की इस लगन को देख जब उनसे इस बाबत पूछा गया तो उनके अंदर वेद माता गायत्री को लेकर बैठी श्रद्धा पूरी तरह बाहर आ गयी। शक्ति तिवारी ने बताया गायत्री महामंत्र के जाप से मन शुद्ध होता है, बुद्धि विकसित होती है। कहा व्यक्ति इससे स्वयं को मानव से देवता बना सकता है। धरती पर स्वर्ग का अवतरण की जो परिकल्पना है वह इससे ही संभव है। गायत्री मंत्र केवल एक मंत्र नहीं, बल्कि जीवन जीने का एक संपूर्ण मार्ग है। व्यक्ति निर्माण और देवत्व का उदय हर व्यक्ति के भीतर छिपा हुआ है। उस दिव्य शक्ति (गायत्री शक्ति) को जगाना आवश्यक है ताकि मनुष्य स्वयं में देवता बन सके और समाज में स्वर्ग जैसी स्थिति ला सके। कहा इस अभियोजन से प्रति वर्ष गायत्री शक्तिपीठ महावीर घाट गंगा जी मार्ग परिसर में गायत्री माता प्रतिमा स्थापना वार्षिकोत्सव और 108 कुंडीय महायज्ञ भी आयोजित होता है। एक जनवरी से चार जनवरी तक इसकी तिथि निर्धारित है। हमारा का यह प्रयास रहता है कि हम सेवा के माध्यम से ही व्यक्ति के अंदर के देवता को जगा दें ताकि समाज सुरक्षित हो और उसका सौंदर्य और बेहतर हो। शक्ति दूबे ने कहा कि सरकार की बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ वाली सोच को शत प्रतिशत अमल में लाने के लिए गायत्री मंत्र ही सबसे कारगर है। जब इंसान के अंदर देवता जागृत हो जाएंगे तो बेटियां स्वत: सुरक्षित हो जाएंगी, किसी को इस विषय में सोचना ही नहीं पड़ेगा।





