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पैदा होने से पहले ही शिशु को दी जाएगी संस्कारवान होने की डोज

-गायत्री परिवार की पहल

-गायत्री शक्तिपीठ में आओ गढ़े संस्कारवान पीढ़ी का प्रशिक्षण प्रारंभ

-गर्भवती महिलाओं को परिवार करेगा ट्रेंड, क्या करे क्या न करें

शशिकांत ओझा

बलिया : देश और समाज के सर्वांगीण विकास के लिए बच्चों के अंदर शारिरीक, मानसिक, सामाजिक और आध्यात्मिक ज्ञान पैदा कर उन्हें संस्कारवान बनाने का संकल्प गायत्री परिवार ने लिया है। शांतिकुंज हरिद्वार की विदुषी बहनें पूरे देश में परिवार के भाई-बहनों को इसके लिए प्रशिक्षित कर रहीं हैं। इसी क्रम में शनिवार को गायत्री शक्तिपीठ महावीर घाट बलिया में भी दो दिवसीय प्रशिक्षण संपन्न हुआ। जनपद की बहनों और भाईयों को आओ गढ़े संस्सकारवान पीढी मिशनका टिप्स दिया गया।

गायत्री शक्तिपीठ के सभागार में दो दिवसीय प्रशिक्षण की शुरुआत माता गायत्री और श्रीराम शर्मा आचार्य और माता जी के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन और पूजन अर्चन के बाद हुई। शांतिकुंज हरिद्वार की बहनों ने जनपदीय बहनों और भाईयों को इस बाबत टिप्स दिया। बहनों के बताया कि गर्भ में पल रहे शिशु को ही संस्सकारवान होने का डोज देना बहुत आवश्यक है जिससे वह शारीरिक, मानसिक, सामाजिक और आध्यात्मिक ताकत से परिपूर्ण होकर ही धरती पर कदम रखे।

इसके लिए हम सभी को गर्भवती महिलाओं को ही इसके लिए तैयार करना होगा कि वह क्या करें और क्या नहीं करें। प्रशिक्षण दे रही बहनों ने बताया कि संस्कारवान पीढी आज हर व्यक्ति की आवश्यकता है चाहें वह अर्श पर हो या फर्श पर।

गायत्री परिवार के तनिक प्रयास से भारत की पीढी संस्कारवान होकर देश ही नहीं दुनिया को नई दिशा दिखाएगी। प्रशिक्षण बहन रीता सारस्वत, सुमित्रा श्रीवास्तव और लक्ष्मी जोशी  ने दिया। बहनों के सहयोग में डा. सुधीर श्रीवास्तव भी मौजूद रहे। बलिया गायत्री शक्तिपीठ के प्रभारी विजेंद्र नाथ चौबे और राकेश पांडेय ने सभी का स्वागत अभिनंदन और वंदन किया।

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