

-गायत्री शक्तिपीठ परिसर
-परिवहन मंत्री के प्रतिनिधि के रुप में उनके अनुज धर्मेंद्र सिंह ने किया प्रतिभाग
-गायत्री माता प्रतिमा प्राणप्रतिष्ठा वार्षिकोत्सव के अवसर पर होता है आयोजन




शशिकांत ओझा
बलिया : गायत्री शक्तिपीठ परिसर में नववर्ष के प्रथम दिन से प्रारंभ 108 कुंडीय गायत्री महायज्ञ की पूर्णाहुति शनिवार को संपन्न हुई। पूर्णाहुति पर उमड़ी ज्ञान गंगा में हजारों श्रद्धालुजनों ने आस्था की डुबकी लगाई। परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह के प्रतिनिधि के रुप में उनके अनुज धर्मेंद्र सिंह ने सहभाग किया। धर्मेंद्र सिंह ने अपने सहयोगियों के साथ यज्ञाहूति भी दी।
पूर्णाहुति के दिन भी नित्य की भांति गायत्री मंत्र व महामृत्युंजय मंत्र से भाव भरी आहुति दी गई। शांतिकुंज हरिद्वार के प्रज्ञा पुराण कथावाचक राजकुमार भृगु ने आहूति कराई। साधकों और श्रद्धालुओं संग परिवहन मंत्री के प्रतिनिधि धर्मेंद्र सिंह ने भी आहूति किया। कथावाचक ने कहा कि मनुष्य ज्ञान से नहीं अपने कर्मों से जाना जाता है। कर्म अच्छा होगा तो सीधे ईश्वर का सानिध्य प्राप्त होगा। कहा कि गायत्री मंत्र हर बुराइयों पर जीत का नाम है। मनुष्य जब भी भी परोपकार की दिशा में कदम बढ़ाता है, तो ईश्वर उसके साथ होता है। अपने कर्मों का फल चाहिए तो ईश्वर के बताए मार्ग पर चलें। पूर्णाहुति के बाद देव शक्तियों की भाव भरी विदाई दी गई। शनिवार की शाम को गायत्री शक्तिपीठ महावीर घाट गंगा जी मार्ग के प्रमुख विजेंद्र नाथ चौबे ने धर्मेंद्र सिंह व कार्यकर्ताओं के साथ शांतिकुंज हरिद्वार की टोली की विदाई अक्षत तिलक लगाकर किया।